Bihar Teachers: जब केके पाठक ने शिक्षकों से कहा, 'देर से आना, जल्दी जाना' ए साहिब ये ठीक नहीं
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1976973

Bihar Teachers: जब केके पाठक ने शिक्षकों से कहा, 'देर से आना, जल्दी जाना' ए साहिब ये ठीक नहीं

बिहार में नवनियुक्त शिक्षकों की बहाली के बाद इनके द्वारा धड़ाधड़ स्कूलों में योगदान भी किया जा रहा है. इस सब के बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक जिस तरह के एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. उसकी वजह से बिहार की शिक्षा व्यवस्था में आ रहा बदलाव भी साफ दिखने लगा है.

फाइल फोटो

Bihar Teachers: बिहार में नवनियुक्त शिक्षकों की बहाली के बाद इनके द्वारा धड़ाधड़ स्कूलों में योगदान भी किया जा रहा है. इस सब के बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक जिस तरह के एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. उसकी वजह से बिहार की शिक्षा व्यवस्था में आ रहा बदलाव भी साफ दिखने लगा है. एक तरफ नवनियुक्त शिक्षकों के स्कूल में योगदान से पहले ट्रेनिंग में अनुपस्थित अभ्यर्थियों को लेकर बिहार का शिक्षा विभाग सख्त नजर आ रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ केके पाठक ने नवनियुक्त शिक्षकों को जीवन का फलसफा समझा दिया है. 

वह नव नियुक्त शिक्षकों को बताते नजर आए कि 'देर से आना और जल्दी जाना नहीं चलेगा', वहीं सख्त लहजे में यह भी कह दिया कि 'गांव में रहकर बच्चों को पढ़ाना है, नहीं तो वापस जा सकते हैं.' उन्होंने शिक्षकों को संघर्ष और सफलता का पाठ अच्छे से पढ़ा दिया है. 

ये भी पढ़ें- CTET Syllabus 2024: CTET परीक्षा के लिए विषयवार सिलेबस किया गया जारी, आप भी देख लें

केके पाठक ने नव नियुक्त शिक्षकों से साफ कह दिया कि आपने यह नौकरी पाने के लिए क्या कुछ नहीं किया ऐसे में इसका सम्मान कीजिए और अपना काम पूरे मन से कीजिए. दरअसल केके पाठक बक्सर के दौरे पर थे और यहां वह डुमरांव में एक शिक्षकों के एक प्रशिक्षण संस्थान का जायजा लेने पहुंच गए. 

उन्होंने यहां से नवनियुक्त शिक्षकों को साफ संदेश दे दिया कि अब स्कूल में देर से आना और जल्दी चले जाना वाली बात नहीं चलेगी. उन्होंने नव नियुक्त शिक्षकों को संदेश दिया कि आप नौजवान हैं ऐसे में आप यहां की शिक्षा व्यवस्था और माहौल को पूरी तरह से बदल सकते हैं. उन्होंने यह भी साफ कहा कि अगर आप स्कूल से 15 किलोमीटर के दायरे में रहेंगे तो आपको ज्यादा परेशानी नहीं होगी. उन्होंने साफ कर दिया कि अगर गांव में रहने में परेशानी है या नहीं रहना है तो वापस जा सकते हैं.  

Trending news