झारखंड का सबसे ऊंचा पर्वत पारसनाथ पहाड़ी को माना जाता हैं. माना जाता हैं कि झारखंड के पारसनाथ पहाड़ी पर 24 जैन तीर्थकरो को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी.
पारसनाथ पहाड़ी जैन के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल केंद्र में से एक है. वह इसे सम्मेद शिखर कहते हैं. 23वें तीर्थंकर के नाम पर पहाड़ी का नाम पारसनाथ रखा गया है.
माना जाता है कि पहाड़ी पर कुछ मंदिर 2,000 साल से अधिक पुराने हैं. हालांकि, ये जगह प्राचीन काल से बनी हुई है.
संथाल इस देवता की पहाड़ी की मारंग बुरु कहते हैं. वह बैसाख यानी मध्य अप्रैल में पूर्णिमा दिवस पर त्यौहार मनाते हैं.
शिखरजी पर्यटन स्थल समुद्र तल से करीब 1350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं. झारखंड के गिरिडीह जिले में पड़ने वाले पारसनाथ पहाड़ी है.
आप अगर गिरिडीह हिल्स पर जाना चाहते हैं और रेलवे से तो आपको गिरिडीह हिल्स के लिए ट्रेन पकड़नी होगी. इसके लिए सबसे नजदीकी प्लेटफार्म गिरिडीह रेलवे स्टेशन है. इसके धनबाद, रांची, बोकारो के जरिए भी जा सकते हैं.
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