कैमूर में ओवरलोड बालू लदे ट्रकों का परिचालन लगातार जारी है. इसको लेकर परिवहन अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. वहीं, ओवरलोड ट्रकों के परिचालन से सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है.
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Kaimur: बिहार के कैमूर जिले में बालू लदे ओवरलोड ट्रकों की तस्करी लगातार जारी है. जिसको लेकर मोहनिया एसडीएम ने जांच की. मोहनिया एसडीएम ने बालू लदे 4 ओवरलोड ट्रक को जब्त कर परिवहन अधिकारी को सौंप दिया.
4 ओवरलोड बालू लदे ट्रक जब्त
दरअसल, कैमूर में ओवरलोड बालू लदे ट्रकों का परिचालन लगातार जारी है. इसको लेकर परिवहन अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. वहीं, ओवरलोड ट्रकों के परिचालन से सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है. इसके अलावा इन ओवरलोड ट्रकों के चलते कई सड़क दुर्घटनाएं भी होती है. जिसे रोकने के लिए परिवहन विभाग के जिला पदाधिकारी, एसबीआई और आरटीओ की तैनाती की गई है. इसको लेकर मोहनिया एसडीएम का कहना है कि परिवहन निगम के अधिकारियों को ओवरलोड ट्रक सड़कों पर दौड़ते हुए दिखाई नहीं देते हैं. हालांकि मोहनिया एसडीएम ने जांच कर 4 ओवरलोड बालू लदे ट्रक जब्त कर लिए और उसके बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों को सौंप दिए.
परिवहन विभाग को नहीं दिखते ट्रक
वहीं, इस मामले को लेकर परिवहन विभाग के आरटीओ का कहा कि उन्हें सड़को पर कोई भी बालू लदे ओवरलोड ट्रक दिखाई नहीं देते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मोहनिया एसडीएम ने उन्हें दो जब्त किए हुए ट्रक सौंपे है.
सरकारी राजस्व का हो रहा नुकसान
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिन बालू लदे ओवरलोड ट्रकों को पकड़कर सरकार जुर्माना लगाकर राजस्व कमाती है. उसकी जिम्मेदारी परिवहन विभाग के अधिकारी नहीं ले रहे हैं. वहीं, अधिकारी सरकारी राजस्व को बढ़ाने की वजह, अपनी आमदनी को बढ़ा रहे हैं. इन्हीं कारणों से उन्हें सड़कों पर ओवरलोड ट्रकों का परिचालन लगातार जारी है.
यूपी में है सोन नदी के बालू की डिमांड
कैमूर जिला उत्तर प्रदेश से नजदीक होने के कारण बिहार की सोन नदी से पीले बालू की काफी डिमांड है. बालू की हजारों गाड़ियों की खपत उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन की होती है. सोन नदी के बालू को पीला सोना भी कहा जाता है. इसकी ओवरलोड की रोकथाम की जिम्मेदारी वाले अधिकारी कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं. कैमूर में परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा चंद इंट्री माफियाओं के साथ मिलकर गाड़ियों को पार करवाने का सिलसिला जारी है. जिससे सरकारी राजस्व बढ़ाने की जगह यह अधिकारी अपना निजी राजस्व बढ़ाने में लगे हैं.