सैनिक स्कूल तिलैया का 60 वां स्थापना दिवस मनाया गया
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सैनिक स्कूल तिलैया का 60 वां स्थापना दिवस मनाया गया

झारखंड के कोडरमा के सैनिक स्कूल तिलैया का 60 वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस डायमंड जुबली सत्र 2022-23 कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी मौजूद थीं.

(फाइल फोटो)

कोडरमा : झारखंड के कोडरमा के सैनिक स्कूल तिलैया का 60 वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस डायमंड जुबली सत्र 2022-23 कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी मौजूद थीं. इस कार्यक्रम में स्कूल के सैकड़ों पूर्ववर्ती छात्र भी शामिल हुए और अपने पुराने दिनों के अनुभव को नए बैच के छात्रों के साथ साझा किया. 

उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेटों को सम्मानित किया गया
इस मौके पर सैनिक स्कूल से 10वीं और 12वीं की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेटों को सम्मानित किया गया. 60वां स्थापना दिवस के मौके पर मंत्री अन्नपूर्णा देवी और स्कूल के प्राचार्य आर सकलानी ने संयुक्त रुप से केक भी काटा. 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद सैनिक स्कूल की परिकल्पना तैयार की गई थी और सैनिक स्कूल तिलैया की स्थापना की गई थी.

60 सालों में सैनिक स्कूल के तकरीबन 800 कैडेट एनडीए के लिए चयनित हो चुके हैं 
इन 60 सालों में सैनिक स्कूल के तकरीबन 800 कैडेट एनडीए के लिए चयनित किए जा चुके हैं और देश रक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट पदों पर काबिज हुए हैं. स्कूल के पूर्ववर्ती छात्र और वर्तमान में मेजर भोला कुमार ने बताया कि सैनिक स्कूल में उन्होंने स्वर्णिम काल बिताया है और आज इसी स्कूल में सिखाए गए अनुशासन के पाठ को पालन करते हैं. उन्होंने कहा कि इस स्कूल से उनकी कई यादें जुड़ी है जो आज एक बार फिर स्थापना दिवस के मौके पर आकर ताजा हो गई. 

वहीं स्कूल के पूर्ववर्ती छात्र मेजर अविनाश और वर्तमान में हरियाणा के रेवारी सैनिक स्कूल के प्रशासक ने बताया कि जो पढ़ाई के दौरान इस स्कूल में सीखा था आज उसे हरियाणा के रेवारी सैनिक स्कूल में पढ़ने वाले कैडेटों को सिखा रहे हैं. वहीं केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि 60 सालों के स्वर्णिम इतिहास में इस स्कूल के छात्रों ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. पढ़ाई लिखाई के साथ हर गतिविधि में यहां के कैडेट बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह स्कूल सैन्य क्षेत्र में जाने का सबसे बेहतर माध्यम है और इस दिशा में निरंतर यह स्कूल आगे बढ़ रहा है. 

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