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रांची: साइबर क्राइम के लिए बदनाम जामताड़ा का नाम तो आपने सुना ही होगा. पर इस बार यहां से दिल खुश करने वाली खबर है. यहां के दो युवाओं अरिंदम चक्रवर्ती और अनिमेष चक्रवर्ती ने मियाजाकी नस्ल की आम की खेती में सफलता हासिल की है. यह दुर्लभ किस्म का आम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2 लाख 70 हजार किलो की दर तक बिकता है. वैसे सामान्यत: भारतीय बाजार में यह आम पंद्रह से बीस हजार रुपये प्रति किलो की दर से बिकता है.
इन दोनों ने अपने बाग में इस आम के सात पेड़ उगाए हैं. इनमें से तीन पेड़ों पर फल लग भी चुके हैं. दोनों भाई हैं. झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने ट्वीट कर कहा है, 'यह गर्व की बात है कि मेरे क्षेत्र अंतर्गत अंबा गांव के निवासी अरिंदम चक्रवर्ती और अनिमेष चक्रवर्ती ने विश्व के सबसे महंगे आम मियाजाकी को उगाने में सफलता हासिल की है. इसी तरह मेहनत और पसीने से ही नाला क्षेत्र की विकास की गाथा लिखी जा सकती है.'
मियाजाकी आम उगानेवाले अरिंदम ने बताया कि उन्हें बागवानी का शुरू से ही शौक है. उनके पास 2000 पौधों का बागान है. उनके पास सिर्फ मियाजाकी ही नहीं, बल्कि विश्व के कई देशों में उगाए जाने वाले महंगे आमों का कलेक्शन है. उनके बाग में अल्फांसो, आईवेरी, किंग ऑफ चकापात, इंडोनेशिया का हारून मनीष, बनाना मैंगो, पोर्टेल मैंगो, हनीड्यू जैसे विदेशी और देसी वैरायटी के 45 किस्म के आमों के पेड़ लगे हुए हैं.
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मियाजाकी आम को खास तरीके से तैयार किया जाता है. पेड़ पर फल आने के बाद एक-एक फल को जालीदार कपड़े में बांध दिया जाया है. इसकी वजह से आम का रंग अलग होता है. जामुनी कलर का यह आम देखने में भी बेहद खूबसूरत नजर आता है. दुनिया का सबसे महंगा यह आम गर्म मौसम, अधिक समय तक धूप और बारिश में रहने के बाद पकता है. मियाजाकी आम को 'ताइयो-नो-टोमागो' या 'एग्स ऑफ सनशाइन' के नाम से भी जाना जाता है. ये आम जापान में उगाया जाता है. मियाजाकी आम का नाम जापान के एक शहर मियाजाकी के नाम पर रखा गया है. इस फल को मुख्य रूप से जापान के साथ ही थाईलैंड, फिलीपींस और भारत में उगाया जाता है. यह आम हमारे देश में बिहार के पूर्णिया और मध्य प्रदेश के जबलपुर में भी मिलता है. इस आम की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2.7 लाख रुपए प्रति किलोग्राम है.
(इनपुट-आईएएनएस)