बेगूसराय में आलू के दाम गिरने से किसान चिंतित, लागत भी निकालना हो रहा मुश्किल
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बेगूसराय में आलू के दाम गिरने से किसान चिंतित, लागत भी निकालना हो रहा मुश्किल

बिहार के बेगूसराय में महंगी लागत के बाद तैयार हुई आलू की फसल का उचित दाम नहीं मिलने से किसान काफी चिंतित है. उचित दाम नहीं मिलने के कारण आलू रखे रखे सड़ने की कगार पर है और इससे काफी किसानों में मायूसी देखी जा रही है. 

बेगूसराय में आलू के दाम गिरने से किसान चिंतित, लागत भी निकालना हो रहा मुश्किल

बेगूसरायः बिहार के बेगूसराय में महंगी लागत के बाद तैयार हुई आलू की फसल का उचित दाम नहीं मिलने से किसान काफी चिंतित है. उचित दाम नहीं मिलने के कारण आलू रखे रखे सड़ने की कगार पर है और इससे काफी किसानों में मायूसी देखी जा रही है. यहां तक की अब किसानों के सामने कोल्ड स्टोर में भंडारण को लेकर भी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. 

किसानों में मचा हाहाकार 
बेगूसराय के वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के सीमा से सटे जो किया पंचायत के दर्जनों किसानों ने बताया कि आलू की खेती की है. महंगे दामों पर खाद बीज लगाने के बावजूद भी आलू की फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान मायूस हैं. किसान औने पौने दाम पर आलू बेचने को विवश हैं, लेकिन इसके बावजूद भी आलू नहीं बिक रहा है. जिसके कारण आलू बर्बाद हो रहा है. आलू बर्बाद होने से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है.

लागत भी निकालना हो रहा मुश्किल
किसानों का कहना है कि सरकार इस पर ध्यान दें, ताकि किसानों की जो लागत लगी हुई है, वह लागत मिल सके. किसान अशोक कुमार ने बताया कि किसान त्राहिमाम में हैं. आलू की खेती का लागत का मूल्य का आधा दाम भी नहीं मिल पा रहा है. यदि यही स्थिति बनी रही तो अगले साल से किसान आलू की खेती छोड़ने को विवश होंगे. वहीं किसान विकेश कुमार राय ने बताया कि 3 एकड़ में आलू की फसल लगाई थी. आलू का उचित दाम नहीं मिल रहा है आलू सड़ रहा है. सरकार को चाहिए कि उचित मूल्य तय कर आलू की खरीदारी करें. 

सस्ते दामों पर आलू बेचने को किसान मजबूर 
वहीं किसान चंद्रदेव प्रसाद ने बताया कि सरकारी रेट में खरीदारी हो और उचित मूल्य किसानों को मिले यही मेरी मांग है. किसानों ने बताया कि आलू सड़ रहे हैं, कोई देखने वाला नहीं है. सरकार को चाहिए कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लें और उचित रेट तय कर किसानों के आलू की खरीदारी करें. किसानों ने यह भी कहा कि आलू का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान हताश और निराश हैं. कड़ी मेहनत के बाद आलू की इस बार बेहतर फसल हुई है, लेकिन उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान औने पौने दाम पर आलू बेचने को विवश है. जिससे किसानों को घाटा का सामना करना पड़ रहा है. यदि यही स्थिति बनी रही तो हम लोग किसानों के हित में उनकी मांगों को लेकर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
इनपुट- जितेंद्र चौधरी

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