बेगूसराय में कुत्तों की लाश खाकर आदमखोर बन रहे कुत्ते, वन विभाग ने 41 को मारकर खेतों में छोड़ा
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बेगूसराय में कुत्तों की लाश खाकर आदमखोर बन रहे कुत्ते, वन विभाग ने 41 को मारकर खेतों में छोड़ा

Dog Terror In Begusarai: बेगूसराय में कुत्तों आतंक लगातार जारी है. बीते 9 महीने में कुत्तों ने 10 महिलाओं की जान ले ली है. जिसके बाद वन विभाग ने इन घटानाओं पर रोक लगाने के लिए पटना से शूटर्स बुलाकर 41 कुत्तों को मार दिया. लेकिन इसके बाद इन कुत्तों के शवों को वहीं छोड़ दिया गया है.

बेगूसराय में कुत्तों की लाश खाकर आदमखोर बन रहे कुत्ते, वन विभाग ने 41 को मारकर खेतों में छोड़ा

बेगूसराय:Dog Terror In Begusarai: बेगूसराय में कुत्तों आतंक लगातार जारी है. बीते 9 महीने में कुत्तों ने 10 महिलाओं की जान ले ली है. जिसके बाद वन विभाग ने इन घटानाओं पर रोक लगाने के लिए पटना से शूटर्स बुलाकर 41 कुत्तों को मार दिया. लेकिन इसके बाद इन कुत्तों के शवों को वहीं छोड़ दिया गया है. वहीं बाकी के कुत्ते अब इन्ही कुत्तों का मांस खाकर आदमखोर हो रहे हैं. वन विभागका कहना है कि सभी आदमखोर कुत्तों को मार दिया गया है, लेकिन गांव वाले बताते हैं कि इलाके में अब भी आदमखोर कुत्ते घूम रहे हैं.

अभी भी हमले जारी

बता दें कि आमतौर पर कुत्ता को सबसे वफादार जानवर माना जाता है, पर बिहार के बेगूसराय जिले के तीन प्रखंडों में ये कुत्ते लोगों की जान लेने पर तुले हैं. कुत्तों ने पिछले 9 माह में 10 महिलाओं को नोच-नोच कर मार डाला. जिसमें कुत्तों ने 11 से 27 मई के बीच तीन, 1 जून को एक और 7 दिसंबर से 1 जनवरी तक में आधा दर्जन महिलाओं को मार डाला. वहीं उनके हमले में 32 महिलाएं और बच्चे घायल भी हो गए. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल कि ये कुत्ते आखिर आदमखोर कैसे हो गए. कुत्तों ने जिले के बछवाड़ा, मंसूरचक और भगवानपुर प्रखंडों में आतंक मचा रखा है. दिसंबर 2021 में बछवाड़ा में सबसे पहली घटना  हुई थी. उस समय कुत्तों नेपत्ता चुनने वाली एक महिला के कमर से नीचे के भाग को पूरा खा लिया था. महिला के कंकाल 10 दिन बाद बरामद किए गए थे. फिर 11 मई 2022 से लेकर अभी तक कुत्तों का आतंक जारी है. हालांकि इस बीच तीन चरणों में कुत्तों को मारा गया.

41 को मारकर खेतों में छोड़ा

पटना से गई वन विभाग की शूटर्स की टीम ने 23 दिसंबर तथा 3 और 4 जनवरी को कुल मिलाकर 41 कुत्तों को मार दिया. जिसके बाज मारे गए सभी 41 कुत्तों के शब अब भी खेतों में पड़े हैं. मरे कुत्तों के मांस फिर से कुत्ते ही खा रहे और वो आदमखोर बन रहे हैं. पशु चिकित्सक इस मामले में बताया कि कुत्तों का मानसिक संतुलन मवेशियों का सड़ा मांस खाने से बिगड़ जाता है. इससे कुत्ते आक्रामक स्वभाव के हो जाते हैं. बता दें कि बछवाड़ा में पांच स्थान ऐसे हैं, जहां पर मरे मवेशी या फिर आत्महत्या व संदिग्ध तरीके से मरे हुए आदमी को भी अधजली अवस्था फेंक दिया जाता है. यहां कुत्ते इन शवों को नोंच-नोंच कर खा जाते हैं.

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