अशोक चौधरी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जो बातें चल रही है यह बहस का मुद्दा हो सकता है.
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Patna: Caste Census in Bihar: भवन निर्माण विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने जातीय जनगणना पर राजद के द्वारा क्रेडिट लिए जाने पर कहा कि जातीय जनगणना की सबसे पहली बार मांग तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने नीतीश कुमार को बुलाकर की थी. नीतीश कुमार ने हर फ्रंट पर यह कहा था कि बिहार में हर हाल में जाति जनगणना होगा. यह क्रेडिट लेने का समय नहीं है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और सभी दल को सभी लोगों ने मिलकर जातीय जनगणना कराने में सहभागिता निभाई है.
मोहन भागवत के बयान को बताया सही
वहीं, अशोक चौधरी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा कि यह गलत है कि हर मस्जिद में जाकर शिवलिंग खोजा जाए. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय में भी कुछ लोग उदण्ड हैं और हिंदू समुदाय में भी कुछ लोग उदण्ड हैं. इस तरफ से काम करने से राज्य और देश का माहौल खराब होगा. इन लोगों से देश को बचाकर रखना है. इसलिए आर एस एस प्रमुख का बयान बिल्कुल सही है।
बहस के बाद निर्णय लिए जाने की संभावना
जनसंख्या नियंत्रण पर अशोक चौधरी ने कहा कि ये बहस का मुद्दा है. अशोक चौधरी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जो बातें चल रही है यह बहस का मुद्दा हो सकता है और बहस के मुद्दे के बाद ही इस पर निर्णय लिए जाने की संभावना हो सकती है.
बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग
दरअसल, बिहार में जातीय जनगणना को लेकर स्थिति साफ होने के बाद अब राज्य में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाने की मांग उठने लगी है. बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी के नेता नीरज कुमार बबलू ने कहा है कि जातीय जनगणना के साथ बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून भी बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में जो जनसंख्या विस्फोट हुआ है, उसे कंट्रोल किया जाए.
कैबिनेट ने जातीय जनगणना कराने की दी मंजूरी
बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना कराने की मंजूरी नीतीश कैबिनेट ने गुरूवार को दे दी है. बैठक के बाद मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में जातीय जनगणना कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर से जातिगत जनगणना कराएगी. इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है जबकि सभी जिले के जिलाधिकारी जिले के नोडल पदाधिकारी होंगे.
जनगणना के लिए 500 करोड़ खर्च होने का अनुमान
मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि जातिगत जनगणना को कराने में 500 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय आने की संभावना है. उन्होंने बताया कि फरवरी 2023 तक इस कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस दौरान आर्थिक सर्वेक्षण करने का भी प्रयास किया जाएगा.
(इनपुट-नवजीत कुमार)