बिहार: शारीरिक शिक्षकों की बहाली पर सरकार की चुप्पी, आंदोलन की तैयारी में अभ्यर्थी
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बिहार: शारीरिक शिक्षकों की बहाली पर सरकार की चुप्पी, आंदोलन की तैयारी में अभ्यर्थी

शारीरिक शिक्षकों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि 'जब पूरे देश में फिजिकल टीचर की नियुक्ति का फैसला हुआ, तो फिर बिहार सरकार इसमें इतना ढीला रवैया क्यों अपना रही है?' 

बिहार: शारीरिक शिक्षकों की बहाली पर सरकार की चुप्पी, आंदोलन की तैयारी में अभ्यर्थी

पटना: बिहार में शारीरिक शिक्षकों की भर्ती का मामला लगातार अंधेरों में खोता जा रहा है. दो साल पहले साल 2020 के फरवरी माह में सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मामला अब तक अधर में लटका हुआ है. प्रदेश में 3 हजार 523 अभ्यर्थी शारीरिक शिक्षक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए थे, जिनके नियोजन को लेकर सरकार लगातार आश्वासन दे रही है. लेकिन तमाम वादों के बाद भी सरकार ने नियोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं की. ऐसे में शारीरिक शिक्षक अब आंदोलन का मूड बना रहे हैं.

  1. 2019 के दिसंबर महीने में परीक्षा का हुआ था आयोजन
  2. 2020 के फरवरी माह में रिजल्ट जारी हुआ

बिहार में बहाली में देरी क्यों?
शारीरिक शिक्षकों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि 'जब पूरे देश में फिजिकल टीचर (Physical Teacher) की नियुक्ति का फैसला हुआ, तो फिर बिहार सरकार इसमें इतना ढीला रवैया क्यों अपना रही है?' प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने हर बार ये दावा किया कि जल्द ही नियोजन की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी, लेकिन उनकी बात महज आश्वासन ही साबित हुई. 

शिक्षा मंत्री ने दिया था भरोसा
यहां तक कि शिक्षा मंत्री ने पिछले साल यानी 2021 की दिवाली से पहले ही अभ्यर्थियों का मुंह मीठा करने की बात कही थी, लेकिन उनकी ये बात भी हमेशा की तरह हवा-हवाई साबित हुई.

3 हजार 523 फिजिकल टीचर की बहाली कब?
दरअसल, बच्चों को शारीरिक तौर पर स्वस्थ रखने के लिए सभी स्कूलों में फिजिकल टीचर नियुक्त करने का फैसला हुआ था. इस फैसले के तहत बिहार में भी 8 हजार 386 शिक्षकों की जरूरत महसूस हुई. सरकार ने फैसला किया कि जल्द ही शिक्षकों की भर्ती होगी. साल 2019 के दिसंबर महीने में परीक्षा का आयोजन हुआ और 2 महीने बाद यानी साल 2020 के फरवरी माह में रिजल्ट जारी हुआ. 

अभ्यर्थियों का खत्म नहीं हो रहा इंतजार
परीक्षा में 8 हजार 386 की जगह सिर्फ 3 हजार 523 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया. ऐसे में इन अभ्यर्थियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा कि अब जल्द ही बहाली हो जाएगी. लेकिन परीक्षा परिणाम आने के बाद से पूरे 2 साल बीत चुके हैं. अभी तक सफल अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की बाट जोह रहे हैं.

तारीख बताने से बच रही सरकार
फिजिकल टीचर की भर्ती की प्रक्रिया साल 2019 में शुरु हुई. उसके बाद अब साल 2022 आ चुका है, लेकिन अब भी सरकार ये साफ नहीं कर रही है कि नियुक्ति कब होगी. यहां तक कि शिक्षा मंत्री समय-समय पर ये बयान देते रहे हैं कि सरकार जल्द ही नियोजन की प्रक्रिया पूरी कर लेगी, लेकिन उसकी अंतिम तारीख सरकार नहीं बता रही.

अब आंदोलन की तैयारी में अभ्यर्थी
दरअसल, सरकार की तरफ से लगातार हो रही लेटलतीफी से फिजिकल टीचर्स नाराज हैं. उनका अब सरकार से भरोसा उठ रहा है. शारीरिक शिक्षक अभ्यर्थी अब आंदोलन करने के मूड में हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि 'सरकार ने हमें बच्चों को फिट रखने के लिए भर्ती करने की बात कही थी. महंगाई के इस दौर में मात्र 8 हजार रुपए प्रति माह के वेतन पर हमें अपनी सेवा देनी है, लेकिन बावजूद इसके हमारी नियुक्ति का मामला टलता जा रहा है. सरकार ने तो हम अभ्यर्थियों को ही इतनी कसरत करा दी है कि अब बर्दाश्त से बाहर हो रहा है.'

'युवाओं के साथ हो रहा बुरा बर्ताव'
एक तरफ शारीरिक शिक्षक अभ्यर्थी नाराज हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष भी हमलावर हो गया है. विपक्ष ने अब इस मुद्दे को हवा दे दी है और सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि 'ये सरकार युवाओं के साथ बहुत बुरा बर्ताव कर रही है. युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के दावे के साथ सत्ता में आने वाली पार्टीयां अब अपना असली रंग दिखा रही हैं. 2 साल पहले जिस परीक्षा का परिणाम निकल गया हो, उसकी नियुक्ति आज तक न होना सरकार की नीयत पर संदेह पैदा करता है.'

सरकार के सामने बड़ी चुनौती 
कुल मिलाकर देखें तो सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है. सिर्फ शारीरिक शिक्षक ही नहीं, तमाम बहालियों का मामला अधर में लटकता देख युवा नाराज हैं. बिहार में पिछले कुछ साल में भर्ती परीक्षा का हश्र देखकर लगता है कि व्यवस्था में बड़े सुधार की आवश्यकता है. अगर ये सुधार नहीं हुआ तो सरकार के लिए कठिन चुनौती हो सकती है.

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