पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग एक्टिव, तैयार हो रहा पेड़ों का डेटाबेस
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पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग एक्टिव, तैयार हो रहा पेड़ों का डेटाबेस

पटना के वीवीआईपी इलाके में वन विभाग (Forest Department) के कर्मी पेड़ों की मोटाई-लम्बाई नापने में जुटे हुए हैं. हार्डिंग रोड सहित आसपास के क्षेत्रों में भी हर एक पेड़ की कोडिंग की जा रही है और पीले पेंट से इस पर मार्किंग की जा रही है.

पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग एक्टिव, तैयार हो रहा पेड़ों का डेटाबेस

Patna: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के आदेश के बाद राजधानी के शहरी क्षेत्रों में स्थित पेड़ गिनने का काम वन विभाग तेजी से कर रहा है. इसके लिए वन विभाग ने एक एप्लीकेशन भी बनाया है जिसपर राजधानी पटना में स्थित पेड़ों की वास्तविक संख्या, उसकी स्थिति को अपलोड किया जा रहा है. आनेवाले समय में इस एप्प के जरिए वन विभाग हर एक पेड़ की वस्तुस्थिति और उसमें होनेवाले बदलाव पर नजर रख सकेगी. 

हर एक पेड़ की हो रही कोडिंग
पटना के वीवीआईपी इलाके में वन विभाग (Forest Department) के कर्मी पेड़ों की मोटाई-लम्बाई नापने में जुटे हुए हैं. हार्डिंग रोड सहित आसपास के क्षेत्रों में भी हर एक पेड़ की कोडिंग की जा रही है और पीले पेंट से इस पर मार्किंग की जा रही है. वन विभाग पटना कोर्ट के आदेश पर पटना के शहरी क्षेत्रों में पेड़ों की वास्तविक संख्या, उसकी स्थिति और उससे सम्बंधित तमाम आंकड़े जुटाने में जुटा हुआ है. 

हटाए गए या लगाए गए पेड़ों का आंकड़ा भी होगा उपलब्ध 
पेड़ों का डेटाबेस तैयार करने के साथ-साथ इसे मौके पर ही कर्मी एक एप्प पर लोड कर देते हैं, जिसमें उस पेड़ की तस्वीर, उसकी मोटाई, उम्र और लम्बाई के साथ किस प्रजाति का पेड़ है और अलग से कोई अतिरिक्त जानकारी जैसे उस पेड़ का स्वास्थ्य या कोई दूसरी जानकारी हो उसे भी अंकित किया जाता है. किस स्थान पर यह लगा है इसकी जानकारी भी होती है. विकास कार्य को लेकर हाल के दिनों में शहर के कुछ मुख्य क्षेत्रों में पेड़ हटाए भी गए हैं. लेकिन इससे पहले अब तक कोई ऐसा आंकड़ा उपलब्ध नहीं था कि कहां से और कितने पेड़ हटाए गए. लेकिन इस कार्य से हटाए गए या लगाए गए पेड़ों का आंकड़ा भी उपलब्ध होगा. 

एक लाख पेड़ों का आंकड़ा तैयार कर लेने का लक्ष्य
मार्च महीने तक कम से कम एक लाख पेड़ों का आंकड़ा तैयार कर लेने का लक्ष्य है और इस काम में तेजी लाया जाये इसके लिए अतिरिक्त टीम का भी गठन किया गया है. कोई धार्मिक या सांस्कृतिक महत्त्व के पेड़ हैं तो ऐसे पेड़ों की संख्या और उसका स्थान इस पेड़ों के गिनने के काम में पता चल पायेगा और उसका आंकड़ा भी एप्प पर उपलब्ध होगा. पूजा-पाठ या दूसरे काम के लिए ऐसे उपयोगिता वाले पेड़ों का ठिकाना सबको मालूम होगा और कोई पेड़ गिर गया या कोई उससे सम्बंधित दूसरी सूचना देनी हो तो कोई भी सिर्फ उसका कोड देखकर उस पेड़ के बारे में सबकुछ मालूम कर पायेगा. हर एक पेड़ का GPS Location भी एप्प में लोड किया जा रहा है जिससे किसी भी पेड़ विशेष को चिन्हित करने में कोई समस्या नहीं होगी. 

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