बिहार में अकेले पड़ी कांग्रेस RJD के साथ एक बार फिर दिखी मंच पर, नए समीकरण के मिले संकेत
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बिहार में अकेले पड़ी कांग्रेस RJD के साथ एक बार फिर दिखी मंच पर, नए समीकरण के मिले संकेत

बिहार में कांग्रेस की स्थिति अजीब हो गई है.

 (फाइल फोटो)

Patna: बिहार में कांग्रेस की स्थिति अजीब हो गई है. विधान सभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) महागठबंधन में शामिल कांग्रेस को तवज्जो नहीं दिए जाने के बाद भले अकेले चलने की घोषणा कर चुकी हो, लेकिन मंगलवार को दोनों दल के नेता एक साथ, एक मंच पर दिखे.

राज्य में विधानसभा चुनाव 2020 के बाद से ही RJD सहयोगी रही कांग्रेस को बिहार में तवज्जो नहीं दे रही है. राज्य में तीन विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव हो या विधान परिषद चुनाव, बिना कांग्रेस से पूछे RJD ने अपने उम्मीदवार उतार दिए. इसके बाद दोनो दलों के नेता आमने -सामने आ गए. इसके बाद अकेले पड़ी कांग्रेस महागठबंधन के कार्यक्रम से अलग रही, लेकिन मंगलवार को वामपंथी दलों के साथ RJD व कांग्रेस भी BJP के खिलाफ आवाज बुलंद करते दिखे.

BJP नेता द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई अभद्र टिप्पणी, BJP-आरएसएस द्वारा मुस्लिमों के खिलाफ संगठित हमले के खिलाफ मंगलवार को पटना में नागरिक मार्च का आयोजन किया गया.यह मार्च आइएमए हॉल से निकलकर कारगिल चौक तक गया और फिर वहां पर एक सभा का आयोजन हुआ. मार्च में भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, RJD के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता, सीपीएम के राज्य सचिव मंडल के सदस्य अरूण मिश्रा, कांग्रेस के विधायक शकील अहमद के साथ-साथ माले के सभी विधायकों ने हिस्सा लिया था.

उल्लेखनीय है कि RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद हो या तेजस्वी यादव बिहार कांग्रेस को खास तवज्जो नहीं दे रहे. तेजस्वी यादव ने तो यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस बिहार में अपने बूते चुनाव जीत ही नहीं सकती.

इस मुद्दे पर जब प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जनता के मुद्दे पर हम सभी साथ हैं. उन्होंने कहा अब महागठबंधन रहा कहां? तीन दल मिलकर महागठबंधन बनाए थे. तीनों अलग-अलग हैं. जदयू तो सरकार में शामिल है, RJD और कांग्रेस अलग-अलग है. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि विपक्षी एकता के सवाल पर सभी विपक्ष साथ हैं.

(इनपुट:आईएएनएस)

 

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