Bihar Politics:'लालटेन' पर 'तीर' का बड़ा निशाना, प्रदेश अध्यक्ष के 'कुनबे' में लगाई सेंध
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Bihar Politics:'लालटेन' पर 'तीर' का बड़ा निशाना, प्रदेश अध्यक्ष के 'कुनबे' में लगाई सेंध

Bihar Politics: JDU ने एक बार फिर से मुख्य विपक्षी दल RJD में सेंधमारी की है. ये सेंधमारी RJD प्रदेश अध्यक्ष के घर के जरिए हुई है. इस सेंधमारी में RJD प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे ने अपना 'ठिकाना' बदल दिया है.

Bihar Politics:'लालटेन' पर 'तीर' का बड़ा निशाना, प्रदेश अध्यक्ष के 'कुनबे' में लगाई सेंध

पटनाः Bihar Politics: राजनीतिक दलों में एक-दूसरे को कमजोर करने और विरोधी पार्टी में सेंध लगाने की कोशिश करना आम बात है. सभी दल इस कोशिश में रहते हैं कि सामने वाले दल को कमजोर करने की हर रणनीति अमल में लाई जाए. विरोधी दलों को तोड़ना भी इसी रणनीति का हिस्सा होता है. बिहार जैसे राज्य में तो ये जोर-शोर से होता है, क्योंकि यहां की सियासत देश में एक अलग ही पहचान रखती है.

JDU ने खेला है दांव
'गलाकाट' प्रतिस्पर्धा की इस सियासत में सत्तापक्ष और विपक्ष का टकराव बिहार में बेहद दिलचस्प होता है. बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस जैसे बड़े सियासी दल एक-दूसरे में सेंध लगाने का कोई भी मौका जाने नहीं देते. इस बार JDU ने ऐसा ही एक दांव खेलने की कोशिश की है. JDU ने एक बार फिर से मुख्य विपक्षी दल RJD में सेंधमारी की है. ये सेंधमारी RJD प्रदेश अध्यक्ष के घर के जरिए हुई है. इस सेंधमारी में RJD प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे ने अपना 'ठिकाना' बदल दिया है.

बेटे अजीत सिंह ने थाम लिया 'तीर'
बिहार की सत्ताधारी पार्टी JDU ने RJD प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के घर में सेंध लगा दी है. जगदा बाबू के बेटे अजीत सिंह ने RJD छोड़कर JDU का दामन थाम लिया है. अजीत सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी बदलने की बात कही. उन्होंने कहा कि 'मैं काफी समय से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली देख रहा हूं. उनके काम करने के तरीके और उनकी विचारधारा से बेहद प्रभावित हूं, इसलिए JDU में शामिल होने का फैसला किया है.'JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह खुद इस मौके पर मौजूद रहे और उन्होंने ही अजीत सिंह को पार्टी की सदस्यता दिलाई.

RJD को बताया 'कार्यकर्ताओं की कब्रगाह'
JDU में शामिल होते ही जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह ने RJD पर जमकर 'तीर' की बौछार की. अजीत सिंह ने अपने पिता का भी मीडिया के सामने जिक्र किया और आरजेडी पर खूब जुबानी हमला बोला. उन्होंने मानो अपने दिल का दर्द बयां किया और कहा कि 'मैं अपने पिता को रोज-रोज जलील होते नहीं देख सकता. उस पार्टी में रोज उनका अपमान होता है और ये सब मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता था. इसलिए मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया.' अजीत सिंह ने कहा कि 'RJD में सच्चे और समर्पित कार्यकर्ताओं की पूछ नहीं होती. यहां जमीन पर मेहनत करने वालों की कोई कद्र नहीं है. RJD में सिर्फ एक परिवार और एक व्यक्ति की ही चलती है. सही मायने में RJD अपने कार्यकर्ताओं की कब्रगाह है. यहां सच्चे और समर्पित कार्यकर्ता का कोई भविष्य नहीं है.'

JDU अध्यक्ष ने की जगदानंद सिंह से अपील
RJD प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे को JDU में शामिल कराने के बाद JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी खूब बोले. JDU अध्यक्ष ललन सिंह ने जगदानंद सिंह को लेकर पुरानी बातें याद की. पुराने दिनों को याद करते हुए और उसका जिक्र करते हुए ललन सिंह ने कहा कि 'जगदा भाई और मैं कभी एक साथ मिलकर काम किया करते थे. तब मैंने या हमारे साथ राजनीति करने वाले किसी भी शख्स ने नहीं सोचा था कि जगदा बाबू कभी एक ऐसी पार्टी की विचारधारा के साथ मिलकर चलेंगे, जहां अपने सम्मान, आत्मसम्मान और स्वाभिमान को गिरवी रखना पड़ेगा.'

ललन सिंह ने मंच पर जगदानंद सिंह के बेटे की मौजूदगी में कहा कि 'मैं जगदानंद सिंह से अपील करना चाहता हूं कि आप अपने बेटे के साथ चलें. अपने बेटे की सोच के साथ अब आपको चलना चाहिए और अपने स्वाभिमान को बचाते हुए RJD का साथ छोड़ देना चाहिए.'

RJD-कांग्रेस ने JDU पर किया पलटवार
जगदानंद सिंह के बेटे के JDU में शामिल होने को लेकर विपक्ष ने JDU पर जमकर हमला बोला. RJD ने जहां इसे जगदानंद सिंह के बेटे का निजी फैसला बताया, वहीं कांग्रेस ने JDU पर तीखा हमला बोला. RJD ने कहा कि 'जगदानंद सिंह ने अपने बेटों को राजनीतिक फैसला करने की छूट दे रखी है. उन्होंने कभी अपने बेटों को ये नहीं कहा कि उन्हें किस पार्टी में रहना चाहिए या नहीं रहना चाहिए. अगर उनके बेटे को किसी पार्टी में जाना है तो ये उनका अपना फैसला है. इसमें जगदानंद सिंह के विचार शामिल नहीं हैं.'

कांग्रेस ने JDU को लोगों का परिवार तोड़ने वाली पार्टी करार दिया है. कांग्रेस ने कहा कि 'JDU ने पिछली कुछ घटनाओं से ये साबित किया है कि वो लोगों का परिवार तोड़कर या दूसरे दलों को तोड़कर अपनी ताकत बढ़ाने का गुमान पाल लेती है. JDU चाहे कुछ भी कर ले, लेकिन बिहार में उसकी हैसियत तीसरे नंबर की पार्टी की ही रहेगी. आज JDU हर तरह से BJP की मोहताज बन चुकी है. इसलिए दूसरी पार्टी को तोड़कर अपना कुनबा बड़ा करने की कोशिश में लगी रहती है.'

कुल मिलाकर देखें, तो आरोप-प्रत्यारोप चाहे जितने भी चलें, लेकिन ये सच है कि JDU ने RJD प्रदेश अध्यक्ष के परिवार में सेंध लगाकर बड़ा सियासी मैसेज देने की कोशिश की है. हालांकि इसका कितना प्रभाव पड़ता है या कितना सियासी फायदा JDU को मिलता है, ये अभी भविष्य के गर्भ में छुपा है.

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