बिहार में BJP-JDU गठबंधन में अनबन! जय कुमार सिंह बोले- वक्त कड़े फैसले लेने का आ गया
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बिहार में BJP-JDU गठबंधन में अनबन! जय कुमार सिंह बोले- वक्त कड़े फैसले लेने का आ गया

बिहार में एक बार फिर से राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है. JDU के नेता जय कुमार सिंह ने गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अब इसको लेकर कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है. 

बिहार में BJP-JDU गठबंधन में अनबन! जय कुमार सिंह बोले- वक्त कड़े फैसले लेने का आ गया

Patna: बिहार में एक बार फिर से राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है. JDU के नेता जय कुमार सिंह ने गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अब इसको लेकर कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है. बता दें कि अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार में काफी ज्यादा बवाल हुआ है. जिसके बाद बीजेपी JDU पर सवाल उठा रही है. हालांकि ये पहली बार नहीं है, इससे पहले भी कई बार BJP और JDU कई मुद्दों पर एक-दूसरे के आमने-सामने आ है. 

जय कुमार सिंह ने कही ये बात 
JDU के नेता जय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में अग्निपथ पर भड़की हिंसा को लेकर NDA में घमासान छिड़ा हुआ है. अब कड़ा फैसला लेने का समय है. भाजपा के नेता तय कर लें कि गठबंधन में रहना है या नहीं रहना है. हमारे नेताओं भाजपा को गठबंधन में पूरा सम्मान किया है. हमेशा उप मुख्यमंत्री की परंपरा रही और दो नेताओं को उप मुख्यमंत्री बनाएं है जिसमें से एक उप मुख्यमंत्री भाजपा के हैं.

कई मुद्दों पर आमने सामने बीजेपी और JDU
इस  बयान के अलावा भी कई और मुद्दें हैं, जिस पर बीजेपी और JDU आमने-सामने आ चुकी हैं. चाहे मुद्दा शराब बंदी का हो, सीएए और एनआरसी हो या फिर जातीय जनगणना का मुद्दा हो. हमेशा इन मुद्दो के लेकर बीजेपी और JDU के बीच चर्चाएं गर्म रहती है. आइये जानते हैं कि किन-किन मुद्दों पर बीजेपी और JDU एक दूसरे के खिलाफ आ चुके हैं. 

जाति आधारित जनगणना बना था मुद्दा
बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर भी बीजेपी और JDU एकमत नही हो पा रहे थे. एक तरफ जहां JDU इसके समर्थन में थे, तो वहीं बीजेपी बार-बार इस मामले को टालने की कोशिश कर रही थी. 

नीतीश की शराबबंदी पर विपक्ष ने उठाए सवाल
शराबबंदी के कानून को जहां नीतीश कुमार लगातार सही बता रहे हैं. वहीं, बीजेपी ने भी इस मामले में कई सवाल खड़े किये हैं. इसको लेकर  बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि एक बार तो इस कानून पर पुनर्विचार करने की जरूरत तो है ही. नीतीश कुमार के द्वारा शराबबंदी एक अच्छी पहल है जो एक अच्छे इरादे से की गई थी और महिलाओं के पक्ष में भी है. मेरा मानना है कि इस कानून को बने 6 साल हो चुका है और इस कानून की सफलता और असफलता पर विचार होना चाहिए.” डॉ. संजय जयसवाल ने बिहार में शराबबंदी कानून की पोल खोल दी और कहा कि राज्य में पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से शराब माफिया सक्रिय हैं जिसकी वजह से यह कानून प्रदेश में फेल हो चुका है.

सीएए और एनआरसी पर JDU को ने उठाए थे सवाल

सीएए और एनआरसी पर सीएम नीतीश ने भी सवाल खड़े किये थे. इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा था कि वो अपने पार्टी के नेताओं के साथ इस विषय पर सलाह ले रहे हैं. किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद ही इसपर कोई बात करेंगे. सीएए पर नीतीश ने जो स्टैंड लिया उसके पीछे क्या वजह है वो इसे समझाना चाहते हैं. नीतीश ये साफ करना चाहते हैं कि सीएए को समर्थन देना उनकी पार्टी की नीति और विचार के अनुरूप ही था.

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