Bhojpur Khurma GI Tag: देश-विदेश तक जाएगा भोजपुर के खुरमे का स्वाद, मिलेगी नई पहचान
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1206840

Bhojpur Khurma GI Tag: देश-विदेश तक जाएगा भोजपुर के खुरमे का स्वाद, मिलेगी नई पहचान

Bhojpur Khurma GI Tag: भोजपुर की स्वादिष्ट व लोकप्रिय मिठाई उदवंतनगर के खुरमे को स्थानीय लोग बेलग्रामी के नाम से जानते हैं. जानकारी के अनुसार करीब सौ वर्ष पूर्व इस मिठाई की शुरुआत उदवंतनगर निवासी हलवाई स्व. उदित साह ने की थी. धीरे-धीरे खुरमा भोजपुरवासियों की पहली पसंद बन गया. यह एक निश्चित ताप पर छेना को चीनी के पाग में पकाने पर तैयार होता है. 

Bhojpur Khurma GI Tag: देश-विदेश तक जाएगा भोजपुर के खुरमे का स्वाद, मिलेगी नई पहचान

भोजपुर: Bhojpur Khurma GI Tag: भोजपुर जिले की खुरमा मिठाई अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बनाने वाली है. इसे अब जीआई टैग मिलने वाला है. मखाने के बाद अब बिहार की तीन मिठाइयों को जीआई टैग दिलाने की कवायद शुरू हो गई है. जिसकी पहल नाबार्ड की ओर से की गई है. इसी कड़ी में भोजपुर जिले के उदवंतनगर की खुरमा को भी जीआई टैग दिलाया जाएगा. खुरमा का नाम सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आने लगता है. जैसे हिमाचल की प्रसिद्ध मिठाई बबरू है, उत्तराखंड की प्रसिद्ध मिठाई बाल मिठाई है, वैसे ही बिहार के भोजपुर जिले की खुरमा काफी प्रसिद्ध है. 

बेलीग्रामी है स्थानीय नाम
भोजपुर की स्वादिष्ट व लोकप्रिय मिठाई उदवंतनगर के खुरमे को स्थानीय लोग बेलग्रामी के नाम से जानते हैं. जानकारी के अनुसार करीब सौ वर्ष पूर्व इस मिठाई की शुरुआत उदवंतनगर निवासी हलवाई स्व. उदित साह ने की थी. धीरे-धीरे खुरमा भोजपुरवासियों की पहली पसंद बन गया. यह एक निश्चित ताप पर छेना को चीनी के पाग में पकाने पर तैयार होता है. शाहाबाद जिले में इस मिठाई को लोगों ने खूब सराहा. उदवंतनगर में स्व. साह के परिजनों के अलावा अब अन्य लोग भी इस व्यवसाय से जुड़ गए हैं. उदवंतनगर के अलावा अन्य स्थानों पर भी खुरमा बनाया जाता है, पर उदवंतनगर के खुरमे की बात ही कुछ और है. उदवंतनगर में खुरमे की दर्जनभर से अधिक दुकानें मौजूद हैं. खुरमा के लिए आवश्यक छेना व दूध आसपास के दर्जनों गांव के लोगों द्वारा मुहैया कराया जाता है. 

इन इलाकों में ही मिलती है मिठाई
यहां प्रतिदिन लगभग ढाई से तीन-क्विंटल तक खुरमा की बिक्री होती है. इसके लिए लगभग नौ सौ क्विंटल दूध की आवश्यकता होती है. खुरमा व्यवसाय पर यहां सैकड़ों पशुपालक निर्भर हैं. खुरमा विक्रेता रंजीत बताते हैं कि लगन और गर्मी के महीनों में इसकी बिक्री बढ़ जाती है. इस मिठाई की खासियत है कि बिना फ्रीज के इसे दस से 12 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है. 280 रुपये से लेकर 350 रुपये प्रतिकिलो तक खुरमा मिलता है. छेना और चीनी से बनने वाली ये मिठाई उदवंतनगर गांव और शाहाबाद क्षेत्र के अलावे बिहार में कहीं और नहीं मिलती है. 

खुरमा विक्रेता प्रदीप साह बताते हैं कि छेना के बड़े-बड़े टुकड़ों को चीनी की चाशनी में डेढ़ से दो घंटे तक धीरे-धीरे पकाया जाता है. छेना जब पककर हल्का लाल व भूरा रंग का हो जाता है, तब उसे चूल्हे से उतार दिया जाता है. एक घंटे ठंडा होने के बाद यह मिठाई खाने योग्य हो जाती है. देश- विदेशों में बढ़े खुरमे की मांग जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर बसे उदवंतनगर से गुजरने वाले छोटे-बड़े वाहन यहां खुरमे की खरीदारी के लिए रुकते हैं और अपने सगे-संबंधियों के यहां जाते समय ले जाना नहीं भूलते. 

जानिए क्या है बनाने का तरीका
वहीं देश के विभिन्न राज्यों व विदेशों में रहने वाले लोग अपने सगे-संबंधियों से इस मिठाई की मांग करते हैं. विक्रेता विश्वनाथ साह ने बताया कि खुरमा अमेरिका, सउदी अरब, मॉरीशस समेत अन्य देशों में लोगों द्वारा ले जाया जाता है.शुद्ध पनीर से बने इस खुरमे मिठाई में मिलावट नहीं होने के कारण इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. अगर आपने अभी तक यह खास और लजीज मिठाई नहीं चखी है तो समझिये कि एक बेहतरीन बिहारी टेस्ट से आप वंचित हैं.

खुरमा मिठाई बनाने का तरीका:-

छेना को थाली में डाले और उसे लगातार मिलाते हुये मुलायम होने तक और आटे जैसा होने तक मसलें. अब इसका एक लंबा और 3 इंच मोटा गोला बना ले और और सभी तरफ से एक समान कर ले. 2 इंच के टुकडे. में काटे.
अब गैस जलाकर एक कढ़ाई में चीनी और 3 कप पानी डालें और तेज आग पर उबाल आने दे. केसर, इलायची डालें. एक उबाल दें छेना डाले 10 मिनट तेज आंच पर आधा ढककर उबाले उसके बाद चम्मच से पलट लें. ढंक दें, फिर 5 मिनट बाद खोलें. चलाये एक कटोरी में  मैदा और पानी डालकर पतला घोल बना ले और इसे चाश्नी मे मिलायें और ठीक से चलायें.

छेने को तेज आंच पर गहरा रंग आने तक पकाना है. चाश्नी गाढ़ी होने पर आप इसमे पानी मिलाते रहे और बीच-बीच मे चलाते हुये छेना पलटते रहें. इस मिठाई को बनाने मे थोडा़ ज्यादा समय लगता है. जब छेना गहरे रंग का हो जाये तो गैस बंद कर इसे 1/2 घंटा चाश्नी मे रहने दें फिर आप इसे निकाल लें. आप लंबे समय तक इसे फ्रिज में रखकर स्टोर कर सकते हैं. बहरहाल भोजपुर जिले के उदवंतनगर में बनने वाली खुरमा मिठाई को जीआई टैग मिलने की बात को सुन यहां के स्थानीय लोगों में भी खुशी का लहर है. वही वर्षों से अपनी परंपरा को बढ़ा रहे खुरमा मिठाई बनाने वाले कारीगरों के चेहरे भी खिल उठे हैं.

रिपोर्टः मनीष कुमार सिंह

यह भी पढ़िएः CM नीतीश के मंत्री का बड़ा बयान, कहा -बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून भी लागू हो

Trending news