Bihar news: पिछले कुछ समय से बीजेपी शाहनावाज हुसैन को पार्टी मुख्य मुस्लिम नेता के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही है. इसी को देखते हुए उनका इस्तेमाल बंगाल में चुनाव -प्रचारक के तौर पर कर रही है.
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Patna: जब आपके सितारे बुलंदी में चल रहे हो तो आपके लिए अपने वश में ना दिखने वाला काम भी आपके अनुकूल हो जाती है. यही हो रहा है फर्श से अर्श, फिर अर्श से फर्श और अब फिर से अपने राजनीतिक करियर के शिखर पर पहुंच रहे एक समय देश के सबसे युवा केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रहे शाहनवाज हुसैन के साथ. लेकिन ये सब फिर से शुरू हुआ साल 2021 में.
दरअसल, पिछले छह सालों से अपने ही पार्टी में निर्वासित चल रहे शाहनवाज हुसैन की जिंदगी में एक बेहतरीन मौका आया. जब बीजेपी ने मुस्लिम बहुल इलाके कश्मीर के पंचायत चुनाव (Jammu Kashmir Panchayat Chunav 2O20) में उन्हें पार्टी का चेहरा बनाया. फिर क्या था, शाहनवाज ने इस मौके को अवसर की तरह दोनों हाथों से भुनाया. बीजेपी ने यहां घाटी के पंचायत चुनाव में पहली बार तीन सींटे जीती. वहीं से शाहनवाज ने पार्टी में विश्वास जीत लिया.
अब साल 2021 है. नया साल. इस नये साल में कश्मीर के चुनावों का फल उन्हें बिहार में विधान परिषद सीट का मिला, जिसे वो बार-बार इनकार करते आए थे, बावजूद इसबार वो मना ना कर सके और बाद में बिहार मंत्रीमंडल में उद्योग मंत्री के रुप में जगह दी गई. ये फैसला कईयों के लिए चौंकाने वाला था. लेकिन इसे लेकर राजनीतिक गलियों में चर्चा चली कि केंद्रीय राजनीति की समझ रखने वाले एक नेता को राज्य भेज दिया गया है. कईयों ने इसे उनका डिमोशन माना तो कईयों ने माना कि सुशील मोदी की जगह उन्हें बिहार भेजा रहा है.
वहीं, राजनीति कि समझ रखने वाले मान रहे हैं की बीजेपी शाहनवाज (Shahnawaz Hussain) को मुस्लिम नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हैं. पार्टी थिंक टैंक का कश्मीर में किया गया प्रयोग को सफल होता देख शाहनवाज को देश में खाली पड़े बड़े मुस्लिम नेता के विकल्प को भरने का है. लेकिन शाहनवाज की नई राजनीति करियर की शुरुआत बिहार से हीं क्यों. इसके पीछे कई कारण हैं.
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वहीं, बिहार में आकर उद्योग मंत्रालय संभाल रहे शाहनवाज के लिए कोई फर्क नहीं पड़ता कि ये प्रमोशन है या डिमोशन. क्योंकि साल 2021 में बिहार पंचायत चुनाव होने हैं. उससे पहले 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. बंगाल और असम जैसे राज्य, जहां मुस्लिम वोटरों की बहुलता है.औवसी की बढ़ती हुई लोकप्रियता और मुस्लिम सीटों ने बाकी पार्टीयों में बैचनी बढा दिया है. इस हालत में बीजेपी हाशिए पर जा चुके शाहनवाज में मुस्लिम नेता ढूंढ रही है. इसी को देखते हुए पार्टी ने शाहनवाज को स्टार प्रचारक बनाया है, ताकि राज्यों में मुस्लिम वोटरों को लुभा सकें. अब तो विधानसभा के नतीजे ही बताएंगे शाहनवाज बीजेपी को कितना कामायब बना पाते हैं?