कोई भोले के वेष में, किसी के कंधे पर 350 किलो का कांवड़, ऐसा है बाबा धाम के रास्ते का नजारा
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कोई भोले के वेष में, किसी के कंधे पर 350 किलो का कांवड़, ऐसा है बाबा धाम के रास्ते का नजारा

विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में कच्ची कांवरिया पथ पर बाबा भोले के भक्त अलग-अलग रूप में नजर आ रहे हैं. बाबा का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़िया अलग-अलग वेष धारण कर चल रहे हैं. कांवड़िया भोले बाबा के अलग-अलग रूप में बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर जा रहे हैं.

(फाइल फोटो)

मुंगेर: विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में कच्ची कांवरिया पथ पर बाबा भोले के भक्त अलग-अलग रूप में नजर आ रहे हैं. बाबा का जलाभिषेक करने के लिए कांवड़िया अलग-अलग वेष धारण कर चल रहे हैं. कांवड़िया भोले बाबा के अलग-अलग रूप में बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर जा रहे हैं. भक्तों को देखने के लिए आस-पास के लोगों का तांता लग जाता है. मुंगेर जिले के अंतर्गत पड़ने वाले 26 किलोमीटर कच्ची कांवड़िया पथ पर ऐसा ही नजारा देखने को मिला. कमराय-असरगंज कच्ची कांवड़िया पथ जहां पूर्णिया जिला के भवानीपुर गांव के कांवड़ियों का एक जत्था जिसमें दो कांवड़िया बम भोले बाबा और कृष्ण के रूप में नजर आए. भोले बाबा के रूप में देवघर जा रहे कांवड़िया बम अखिलेश कुमार गुप्ता बताते हैं की हमलोगो का 'महाकाल' बम का  ग्रुप है. जिसमें 84 बम हैं. उन्होंने कहा की यह परंपरा 51 वर्षों से चली आ रही है और हमलोग हर सावन के पवित्र माह में बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए पैदल जाते हैं.  उन्होंने कहा की 10 वर्षों से हम बाबा के भेष में बाबा बैद्यनाथ धाम जा रहे हैं.अखिलेश कहते हैं की बाबा मुझे हर वर्ष इस रूप में बुलाते हैं. उन्होंने कहा की बाबा से हम लोग मांगते हैं कि ब्रह्माण्ड का कल्याण हो,विश्व और बिहार का भी कल्याण हो. वही कृष्ण रूप में जा रहे शिवम कुमार गुप्ता ने बताया की हम पहली बार कृष्ण के रूप में बाबा बैद्यनाथ धाम जा रहे हैं. मुझे अच्छा लग रहा है क्योंकि बाबा ने मुझे इस साल इस रूप में बुलाया है. 

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350 किलो वजन का कांवड़, 9 कांवड़िया मिलकर उठाते हैं इसे

2007 से सावन के पवित्र माह में श्री श्री विशाल शिवधारी कांवड़ समिति द्वारा तैयार 54 फिट कांवड़ को देखने को लेकर हर साल कच्ची कांवड़िया पथ के नजदीक रहनेवाले स्थनीय लोगों की भीड़ लग जाती है. बता दें कि यह 54 फीट लंबा कांवड़ जिसका वजन लगभग 350 किलो है. वही इस समिति के बम गुडू कुमार बताते हैं कि हमलोग पटना सीटी के रहने वाले हैं और इस साल 16 वां कांवड़ यात्रा है. 54 फीट कांवड़ को बनाने में 25-30 दिन लग जाते हैं. इस कांवड़ का वजन लगभग 350 किलो है और 9 बम इस कांवड़ को एक बार में उठाते हैं. उन्होंने कहा कि सावन की पहली सोमवारी को बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर में हर बार बाबा पर जलाभिषेक करते हैं. कांवड़ में विभिन्न प्रकार की मंदिर की आकृति के साथ-साथ शिव-पार्वती गणेश, दुर्गा सहित कई देवी देवताओं से सजाया जाता है. उन्होने कहा की इस समिति को 5 लोग चलाते हैं लेकिन सावन में कांवड़ यात्रा में 350 लोगों के साथ हम चलते हैं. 

केदारनाथ धाम मंदिर के स्ट्रक्चर के साथ चले पटना के कांवरिया 
पटना ट्रांसपोर्ट नगर से आये प्रिंस कांवरिया संघ के द्वारा 9 लोगों के जत्था के साथ लाये गये केदारनाथ धाम मंदिर के स्ट्रक्चर असरगंज कच्ची कांवरिया पथ की सुंदरता बढ़ा रहा है जिसे देखने को लेकर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. कांवरिया संघ के सदस्य प्रिंस कुमार ने बताया कि हम पिछले 5 साल से बाबा नगरी जा रहे हैं और 12 ज्योतिर्लिंग को हमें ले जाना है और अभी तक 3 भव्य ज्योतिर्लिंग मंदिर स्ट्रक्चर हम लेकर जा चुके हैं. बता दें कांवड़ पर बनी मंदिर का वजन तकरीबन 20 किलो है और इसको बनाने में 15 से 20 दिनों का समय लगा है, ढांचा केदारनाथ धाम मंदिर का है ठीक उसी प्रकार इस मंदिर की भी बनाबट है और इसमें सजावट के साथ सतरंगी लाइट व झालर भी लगाया गया है. जिससे रात में लाइट जलने के बाद यह मंदिर और भी सुंदर दिखने लगता है. इसकी बनाबट में बांस, सोले,थर्मोकोल एवं अन्य तरह के पैंट लगाए गए हैं. जिससे मंदिर की खूबसूरती आकर्षक व अति मनमोहक देखने में लगती है.पिछली बार ये सभी बदरीनाथ मंदिर का स्ट्रक्चर बना कर ले गए थे. 

प्रशांत कुमार 

 

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