सोमवार को बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण करने के लिए सुल्तानगंज से निकला डाक बम जत्था
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सोमवार को बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण करने के लिए सुल्तानगंज से निकला डाक बम जत्था

Dak Bum Jatha: सावन के इस पावन महीने में सबसे ज्यादा धूम कांवड़ियों की रहती है. कांवड़ पर गंगाजल भरकर कांवड़िये बाबा के दरबार पहुंचते हैं और भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं.

(फाइल फोटो)

भागलपुर: Dak Bum Jatha: सावन के इस पावन महीने में सबसे ज्यादा धूम कांवड़ियों की रहती है. कांवड़ पर गंगाजल भरकर कांवड़िये बाबा के दरबार पहुंचते हैं और भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. आपको बता दें कि सावन के इस पावन महीने में सबसे ज्यादा चर्चा बिहार के सुल्तानगंज से जल लेकर कांवड़ के जरिए बाबा बैद्यनाथ धाम जा रहे कांवड़ियों की रहती है. 

आपको बता दें कि इस 105 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा में तीन तरह के बम गंगा जल लेकर यात्रा करते हैं. इनमें एक सामान्य बम होता है जो हर पड़ाव पर रूकते ठहरते बाबा का जयकारा लगाते बाबा की नगरिया की तरफ बढ़ते चले जाते हैं. वहीं दूसरा और सबसे कठिन यात्रा उनका है जो मनोकामना मांगते हैं और बाबा जब उनकी मुराद पुरी करते हैं तो वह दंड देते हुए इस यात्रा को करते हैं इसमें कई महीनों का समय लग जाता है. जबकि तीसरे तरह के बम होते हैं जिसे डाक बम कहा जाता है वह बम जो 24 घंटे में बिना रूके थके इस 105 किलोमीटर की कठिन यात्रा को पूरा करते हैं. 

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बता दें कि मुख पर बोलबम, नहीं रुकते हैं कदम , बाबा भोलेनाथ की भक्ति में मगन ऐसे होते हैं डाक बम.भागलपुर के सुल्तानगंज से बैधनाथ धाम जाने का सिलसिला अब इन डाकबमों का जारी हुई है. सावन की पहली सोमवारी पर बैधनाथ धाम में जलाभिषेक करने के लिए गंगा घाट पर रविवार को खासकर डाक बम की संख्या में इज़ाफ़ा देखा जा रहा है. 

देश के अलग अलग राज्यों से पहुंचे युवा ,महिला व बुजुर्ग डाक बम के रूप में उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर बैधनाथ धाम रवाना हो रहे हैं. डाक बम की विशेषता है 24 घण्टे के अंदर वह जल चढ़ाते हैं. नियमानुसार वह गंगा घाट से बैधनाथ धाम की यात्रा के दौरान कहीं भी रूकते नहीं हैं. डाक बम में काफी उत्साह देखा जा रहा है. सुल्तानगंज पहुंचने के बाद डाक बम टिकट कॉउंटर पर टिकट कटवाते हैं. उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान करने के बाद डाक बम जल भरते हैं उसके बाद पूजा संकल्प करते ही यात्रा की शुरुआत करते हैं. 

105 किलोमीटर की दूरी सतत चलकर या दौड़कर पूरा करते हैं. रास्ते में डाक बम लाठी के सहारे भी चलते हैं अन्य कांवड़िया उन्हें रास्ता देते हैं.  देवघर बाबा मंदिर में डाक बम के लिये विशेष प्रवेश होता है. आज सुलतानगंज से करीब 10 हजार से अधिक डाक बम कांवड़ियों ने जल भरा इसमें कई महिलाएं शामिल हैं. महिला भी पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डाक बम की यात्रा 24 घण्टे के अंदर पूरा करती हैं. 

(रिपोर्ट- अश्वनी)

 

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