महिला कर्मचारियों पर बैन के बाद अफगानिस्तान में तीन वैश्विक NGOs ने बंद किया अपना काम
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महिला कर्मचारियों पर बैन के बाद अफगानिस्तान में तीन वैश्विक NGOs ने बंद किया अपना काम

Three global organizations stop work in Afghanistan: एक दिन पहले ही शनिवार को तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान में वैसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों को आदेश जारी कर कहा था कि वह अपने यहां काम करने वाली महिला कर्मचारियों को काम पर आने और उन्हें रखने पर प्रतिबंध लगा दें. 

अलामती तस्वीर

काबुलः अफगानिस्तान में तालिबान शासकों द्वारा गैर-सरकारी संगठनों में महिलाओं के काम करने पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के बाद तीन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इतवार को अफगानिस्तान में अपना काम बंद कर दिया है. सेव द चिल्ड्रन, नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल और केयर ने कहा कि वे प्रभावी रूप से अफगानिस्तान में बच्चों, महिलाओं और पुरुषों तक अपने महिलाअ कर्मचारियों के बिना नहीं पहुंच सकते हैं.
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही शनिवार को तालिबान ने एनजीओ में महिलाओं के काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया था कि क्योंकि महिलाएं कथित तौर पर इस्लामिक हेडस्कार्फ़ को सही ढंग से नहीं पहन रही थीं. 

स्वास्थ्य, शिक्षा और बाल संरक्षण पर काम करते थे ये एनजीओ 
जिन तीन गैर सरकारी संगठनों ने अफगानिस्तान में अपना काम बंद करने की घोषणा की है, वह सभी एनजीओ स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बाल संरक्षण और पोषण सेवाएं प्रदान करते हैं, और मानवीय संकट के बीच सहायता करते हैं. नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल के अफगानिस्तान के प्रमुख नील टर्नर ने कहा, “हमने सभी सांस्कृतिक मानदंडों का पालन किया है, और हम अपनी समर्पित महिला कर्मचारियों के बिना काम नहीं कर सकते हैं, जो हमारे लिए बेहद जरूरी है.’’ इस समूह के पास देश में 468 महिला कर्मचारी हैं.

भूख और बेरोजगारी के भीषण चपेट में है देश 
अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद देश  की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है. लाखों लोग गरीबी और भुखमरी के शिकार हो रहे हैं. विदेशी सहायता लगभग बंद हो गई है. तालिबान शासकों पर प्रतिबंध, बैंक हस्तांतरण पर रोक और अफ़ग़ानिस्तान के मुद्रा भंडार में जमे हुए अरबों ने पहले ही वैश्विक संस्थानों और बाहरी धन तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया है. अमेरिका और नाटो बलों की वापसी से पहले देश की निर्भर अर्थव्यवस्था का ये सभी मदद करते थे. 
पिछले महीने, रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति के एक शीर्ष अधिकारी, मार्टिन शुएप ने कहा था कि अफगानिस्तान के लोगों को आने वाले वक्त में जिंदा रहने के लिए संघर्ष करना होगा, क्योंकि आने वाले वर्ष में यहां की स्थिति और बिगड़ जाएगी.

विदेशी सहायता बंद होने से और गहरा होगा मानवीय संकट 
उधर, अमेरिका ने चेतावनी दी कि एनजीओ पर प्रतिबंध से लाखों लोगों को महत्वपूर्ण और जीवन रक्षक सहायता से महरूम होना पड़ेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने शनिवार को कहा, “महिलाएं दुनिया भर में मानवीय कार्यों के केंद्र में हैं.“ “यह फैसला अफगानी लोगों के लिए विनाशकारी हो सकता है.“ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वह एनजीओ प्रतिबंध की खबरों से बहुत परेशान हैं.उन्होंने एक बयान में कहा, “राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों सहित संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी 28 मिलियन से ज्यादा अफगानों की मदद कर रहे हैं, जो जीवित रहने के लिए मानवीय सहायता पर निर्भर हैं.“

Zee Salaam

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