Death Threat to Taslima Nasreen: हाल ही में अमेरिका में लेखक सलमान रुश्दी पर एक शख्स ने हमला कर दिया. इसके बाद बंग्लादेश की लेखिका जो भारत में रह रही हैं काफी सहमी हुई हैं. उनका कहना है कि पाकिस्तान के एक धार्मिक नेता के द्वारा उन्हें मार डालने के आह्वान से वह काफी परेशान हैं.
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Death Threat to Taslima Nasreen: शिया चरमपंथ के प्रति सहानुभूति रखने वाले हादी मतार ने न्यूयॉर्क में मंच पर लेखक सलमान रुश्दी (salman rushdie) पर कई बार चाकू से हमला कर दिया. इस हमले ने कई लोगों के दिल में डर बैठा दिया है. हमले के बाद लेखिका तसलीमा नसरीन (Taslima Nasreen) ने कहा है कि पाकिस्तान में एक धार्मिक नेता के उन्हें मारने का आह्वान करने के बाद वह काफी परेशान हैं. नसरीन को इस्लाम विरोधी टिप्पणियों के लिए पहले भी जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं.
नसरीन ने एक बयान में कहा है कि वह एक धार्मिक नेता द्वारा कल पाकिस्तान में हजारों लोगों की एक रैली को संबोधित करने के बाद उनकी हत्या के आह्वान के बाद बेहद परेशान हैं. नसरीन महिलाओं के उत्पीड़न और धर्म की आलोचना पर उनके लेखन के लिए जानी जाती हैं. उनके कई कार्यों को उनके मूल देश बांग्लादेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है. वह 1994 से निर्वासन में रह रही हैं. यूरोप और अमेरिका में 10 से अधिक वर्षों तक रहने के बाद, वह 2004 में भारत आ गईं.
तसलीमा नसरीन ने कहा, "जबकि मेरे खिलाफ अतीत में कई फतवे जारी किए गए हैं, यह पहली बार है कि किसी ने इतनी बड़ी सभा के सामने मेरे नाम की घोषणा की है और मांग की है कि मुझे मार डाला जाए. इससे कौन परेशान नहीं होगा? मेरी तरफ देखो ट्विटर हैंडल पर इतने कमेंट्स आ रहे हैं कि रुश्दी के बाद अब मेरी बारी है. मैं अभी भी उलझन में हूं कि उन ट्वीट्स को डिलीट करूं या रिटेन करूं. शायद न करूं, अगर मुझे कुछ हो जाए तो लोगों को पता चल जाए. बेशक, मेरे पास सुरक्षा है, लेकिन रुश्दी के साथ जो हुआ उसके बाद कोई भी असुरक्षित महसूस करेगा, नहीं?"
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तस्लीमा नसरीन के मुताबिक "जबकि कुछ प्रगतिशील मुसलमान हिंसा के खिलाफ हैं, वे बोलने से डरते हैं क्योंकि इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है. लेकिन फिर, चुप्पी दो प्रकार की होती है- एक जो डर से निकलती है- और दूसरी जो बिना बोले उनका समर्थन करने से आती है."
नसरीन आगे कहती हैं, "अगर मैं इस्लाम की आलोचना करती हूं, तो निश्चिंत रहें, मुझ पर हमला किया जाएगा. दुख की बात है कि, इसे आलोचना से मुक्त कर दिया गया है हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस्लामी शासन का उपयोग राजनीतिक उद्देश्यों के लिए भी किया गया है." वह कहती हैं, "समानता और न्याय पर आधारित कानूनों के बजाय, उनके खिलाफ नियम हैं. कट्टरपंथी और आतंकवादी बनने के लिए बच्चों का ब्रेनवॉश किया जा रहा है. तो आप बदलाव की उम्मीद कैसे कर सकती हैं?" (आईएएनएस)
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