मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से की मुलाकात; ईरान को मिलेगी SCO की स्थाई सदस्यता
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मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से की मुलाकात; ईरान को मिलेगी SCO की स्थाई सदस्यता

SCO Summit Narendra Modi meets Iran President Ebrahim Raisi: ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के चाबहार बंदरगाह को संपर्क और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत, ईरान और अफगानिस्तान द्वारा विकसित किया जा रहा है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी

समरकंदः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से इतर ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Iran President Ebrahim Raisi) से भी मुलाकात की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और आपसी हितों के मुद्दों पर काफी देर चर्चा की. दोनों नेता 22वें एससीओ शिखर सम्मेलन (SCO Summit) में हिस्सा लेने के लिए उज़्बेकिस्तान के इस ऐतिहासिक शहर समरकंद में हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के बीच पहली बैठक कारआमद रही. दोनों नेताओं ने व्यापक द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और चाबहार बंदरगाह (Chabahar Seaport) के विकास में हुई प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने अफगानिस्तान सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय घटनाक्रम पर भी विचार-विमर्श किया.’’  शिखर सम्मेलन में बेलारूस और ईरान को एससीओ की स्थायी सदस्यता देने का भी फैसला किया गया. 

चाबहार बंदरगाह से जुड़ा है तीन देशों का हित  
उल्लेखनीय है कि ईरान खाड़ी क्षेत्र में भारत के लिए एक प्रमुख देश रहा है. दोनों मुल्क दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य एशिया के बीच संपर्क में सुधार को लेकर संयुक्त रूप से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. भारत, ईरान के चाबहार बंदरगाह को अफगानिस्तान सहित एक प्रमुख क्षेत्रीय आवागमन केंद्र के रूप में देखता रहा है. 
गौरतलब है कि ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत के चाबहार बंदरगाह को संपर्क और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत, ईरान और अफगानिस्तान द्वारा विकसित किया जा रहा है. पिछले साल 15 अगस्त को तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के सत्ता पर कब्जा करने के भारत पड़ोसी देश अफगानिस्तान के घटनाक्रमों को लेकर ईरान के साथ संपर्क में है. इस महीने की शुरुआत में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ द्विपक्षीय सहयोग और ईरान के परमाणु समझौते को लेकर टेलीफोन पर बातचीत की थी. 

वाराणसी को एससीओ की पहली ‘सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी’ घोषित किया गया

वहीं, उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर को शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की पहली ‘सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी’ घोषित किया गया. एससीओ के नेताओं ने वाराणसी को वर्ष 2022-23 के लिए समूह की पहली ‘पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी’ के रूप में समर्थन दिया है. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने मीडिया ब्रीफिंग में यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी 2022-23 के दौरान वाराणसी को एससीओ पर्यटक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में मान्यता देने के लिए सभी सदस्य देशों को धन्यवाद दिया. 

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