Pakistan: आर्थिक मंदी की मार झेल रहे पाकिस्तान को फिर क़र्ज़ देगा सऊदी अरब!
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Pakistan: आर्थिक मंदी की मार झेल रहे पाकिस्तान को फिर क़र्ज़ देगा सऊदी अरब!

Pakistan Economic Crisis: सऊदी अरब एक बार फिर पाकिस्तान की मदद करेगा और उसे अतिरिक्त ऋण देगा. पाकिस्तान को आर्थिक मंदी से उभारने के लिए सऊदी अरब की ओर से ऐसे इशारे मिले है कि वो पाक को और कर्ज दे सकता है.

 

Pakistan: आर्थिक मंदी की मार झेल रहे पाकिस्तान को फिर क़र्ज़ देगा सऊदी अरब!

Saudi Arabia Additional Loan To Pakistan: पाकिस्तान की आर्थिक हालत लगातार बद से बदतर होती जा रही है. पाक इतिहास के सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि देश के लोगों को खाने-पीने के भी लाले पड़ गए हैं. बीते एक साल में पाकिस्तान की हालत इतनी खस्ता हो गई हैं कि देश का खजाना खाली हो गया है और उसे मदद के लिए दूसरे देशों के सामने हाथ फैलाना पड़ रहा है. इस बीच बड़ा दावा किया जा रहा है कि सऊदी अरब एक बार फिर पाकिस्तान की मदद करेगा और उसे अतिरिक्त ऋण देगा. पाकिस्तान को आर्थिक मंदी से उभारने के लिए सऊदी अरब की ओर से ऐसे इशारे मिले हैं.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त राज्य मंत्री डॉ आयशा पाशा ने एक पार्लियामानी कमेटी की मीटिंग में हिस्सा लेने के बाद, कर्ज की रकम की व्याख्या किए बिना कहा, "हमें सऊदी अरब से कुछ मिलने का संकेत मिला है". उन्होंने वित्त पर सीनेट की स्थायी समिति को यह भी बताया कि एक दिन पहले मित्र देश से डिपॉजिट पर कुछ प्रगति हुई है, "हम जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ कर्मचारी-स्तरीय समझौते पर साइन करेंगे". आईएमएफ ने पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर के एडिशनल लोन की व्यवस्था करने के लिए कहा है और उनमें से कम से कम आधे को बोर्ड बैठक से पहले पूरा किया जाना चाहिए.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि सॉवरेन डिफॉल्ट से बचने और विदेशी मुद्रा भंडार को 1.7 महीने के आयात के लिए पर्याप्त स्तर तक बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत है.पाकिस्तान ने आईएमएफ से कहा था कि अतिरिक्त वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे सऊदी अरब से 2 अरब डॉलर और संयुक्त अरब अमीरात से 1 अरब डॉलर का और कर्ज मिलेगा. यूएई के राजदूत हमद ओबैद इब्राहिम सलीम अल-जाबी ने भी वित्त मंत्री इस्हाक डार से मुलाकात की. डार ने अलग-अलग तरीकों पर रौशनी डाली जिसमें दोनों देश अपने मौजूदा व्यापार और निवेश संबंधों पर विचार कर सकते हैं.

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