इस मामले में दुनिया का दूसरा सबसे खराब देश है पाकिस्तान; जानिए, भारत का हाल ?
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1256478

इस मामले में दुनिया का दूसरा सबसे खराब देश है पाकिस्तान; जानिए, भारत का हाल ?

World Economic Forum Report: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की तरफ से जारी नवीनतम ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लैंगिक समानता के मामले में पाकिस्तान विश्व का दूसरा सबसे खराब देश है. 

अलामती तस्वीर

जेनेवाः पाकिस्तान लैंगिक समानता के मामले में दुनिया का सबसे खराब देश माना गया है. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम) की तरफ से बुधवार को जारी नवीनतम ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट में पाकिस्तान को लैंगिक समानता के मामले में दूसरा सबसे खराब देश के रूप में चिन्हित किया गया है, जिसे 146 देशों में से 145वें स्थान पर रखा गया है. रिपोर्ट में 146 देशों को स्थान दिया गया है, जिनमें से टॉप पांच आइसलैंड, फिनलैंड, नॉर्वे, न्यूजीलैंड और स्वीडन हैं, जबकि पांच सबसे खराब देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, ईरान और चाड हैं.

कोविड से बढ़ी है लैंगिक समानता 
रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में वैश्विक लिंग अंतर 68.1 फीसदी तक दर्ज किया गया है. विश्व आर्थिक मंच ने चेतावनी दी है कि कोरोनाकाल के बाद उपजे हालात से जीवनयापन के संकट से पूरी दुनिया में महिलाओं पर पड़ने वाले असर की संभावना सबसे ज्यादा है. श्रम बल में आगे लैंगिक अंतर बढ़ने के बाद इसे कम करने में 132 साल और लगेंगे. हालांकि, 2021 में लैंगिक समानता हासिल करने में 136 साल लगने की संभावना जताई गई थी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कोविड-19 ने लैंगिक समानता को एक पीढ़ी पीछे धकेल दिया है. इससे उबरने की कमजोर दर इसे वैश्विक रूप से और प्रभावित कर रही है.

भारत के भी नहीं है अच्छे हालात 
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान उन पांच देशों में शामिल है, जहां लिंग अंतर 5 फीसदी से ज्यादा है, जबकि अन्य देश कतर, अजरबैजान, चीन और भारत हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में आर्थिक भागीदारी और मौके उप-सूचकांक पर सबसे बड़ा लिंग अंतर है, जबकि पिछले साल के मुकाबले में समग्र स्कोर में सुधार हुआ है. पेशेवर और तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी में वृद्धि नेपाल, बांग्लादेश और भारत में सबसे काबिल-ए-जिक्र रही है.
गौरतलब है कि डब्ल्यूईएफ ने भारत के संबंध में कहा है कि यहां लैंगिक अंतर का स्कोर पिछले 16 वर्षों में सातवें सर्वोच्च स्तर पर दर्ज किया गया है, मगर यह विभिन्न मानदंडों पर सर्वाधिक खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल है. 

ऐसी ही दिलचस्प खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in 

Trending news