Pak के टीवी चैनलों पर जजों के ख़िलाफ़ प्रसारण पर लगी रोक; Pemra ने बताई ये वजह
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1602609

Pak के टीवी चैनलों पर जजों के ख़िलाफ़ प्रसारण पर लगी रोक; Pemra ने बताई ये वजह

Pemra Order: पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी  ने देश ने जजों के ख़िलाफ़ प्रसारण पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं. टेलीविजन चैनलों के ज़रिए इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर बिना नोटिस दिए उनके लाइसेंस  को रद्द किया जा सकता है.

Pak के टीवी चैनलों पर जजों के ख़िलाफ़ प्रसारण पर लगी रोक; Pemra ने बताई ये वजह

Pakistan Electronic Media Regulatory Authority: पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (Pemra) ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के आचरण से संबंधित सामग्री के प्रसारण पर फौरी तौर पर रोक लगाने की बात कही है. न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ आदेश में नियामक ने पिछले निर्देशों का ज़िक्र किया, जिसमें सभी लाइसेंसधारियों को हिदायात दी गई थीं कि वह राज्य संस्थानों के ख़िलाफ़ किसी भी सामग्री को प्रसारित करने से परहेज़ करें.डॉन ने बताया कि प्राधिकरण ने कहा कि बार-बार निर्देशों के बावजूद, टेलीविज़न चैनल जजों के आचरण पर लगातार चर्चा कर रहे और इल्ज़ामात को हवा देकर बदनाम करने की मुहिम चला रहे थे.

जजों के ख़िलाफ़ बदनामी मुहिम
इसमें बताया गया है कि किसी भी प्रकार की सामग्री को प्रसारित करना जो पहली नज़र में जजों के आचरण को संदर्भित करता है या सर्वोच्च न्यायपालिका के ख़िलाफ़ है, प्राधिकरण के कानूनों और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों की सरासर ख़िलाफ़वर्ज़ी है.पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने अपने अहकामात में संविधान के आर्टिकल 68 का हवाला भी दिया. जिसके तहत क़ानून कहता है कि  संसद में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के किसी भी जज के आचरण के सिलसिलें में कोई चर्चा नहीं होगी. पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) ने चेतावनी दी है कि राज्य के संस्थानों के खिलाफ जाने वाली सामग्री के प्रसारण के खिलाफ पिछले निर्देशों के बावजूद, सैटेलाइट टेलीविजन चैनल निंदात्मक आरोप लगा रहे हैं और जजों के ख़िलाफ़ बदनामी का अभियान चला रहे हैं.

उल्लंघन करने पर रद्द होगा लाइसेंस
पेमरा (संशोधन) अधिनियम 2007 द्वारा संशोधित पेमरा अध्यादेश 2002 की दफ़ा 27 (ए) में निहित अथॉरिटी की प्रत्यायोजित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सक्षम प्राधिकारी यानी अध्यक्ष पेमरा, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (न्यूज़ बुलेटिन, वार्ता शो आदि) पर अदालत के माननीय वर्तमान जजों के आचरण से संबंधित किसी भी सामग्री के प्रसारण/पुनप्र्रसारण को फौरी तौर से प्रतिबंधित करता है. प्राधिकरण ने सभी टीवी चैनलों को यह यक़ीनी करने को कहा है कि प्रभावी समय विलंब तंत्र स्थापित किया जाए और निष्पक्ष संपादकीय बोर्ड गठित किया जाए. अहकामात में कहा गया है कि आदेश पर अमल नहीं करने की हालत में, पेमरा अध्यादेश, 2002 की दफ़ा 30 के तहत जनहित में बिना किसी वजह बताओ नोटिस के लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाएगा.

Watch Live TV

Trending news