सऊदी अरब ने रमजान से पहले मस्जिदों को लेकर सख्त नियम बनाए हैं. यहां मस्जिद में लाउडस्पीकर बजाने, ऐतिकाफ बैठने और इफ्तार करने पर सख्त नियम जारी किए हैं.
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हर साल पूरी दुनिया में रमजान के महीने को मनाने के लिए खास इंतेजाम किए जाए हैं. इसी कड़ी में सऊदी अरब ने भी रमजान से पहले कई तैयारियां की हैं. सऊदी सरकार ने इस साल रमजान में सभी मस्जिदों में इफ्तार करने, लाउस्पीकर बजाने, बिना आईडी के ऐतिकाफ बैठने और नमाज के ब्रोडकास्ट पर पाबंदी लगा दी है.
सऊदी अरब के इस्लामिक मंत्री शेख डॉ अब्दुललतीफ बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-अलशेख ने रमजान में 10 चीजों पर पाबंदी लगाई है. इसके लिए बाजाब्ता उन्होंने लिस्ट जारी की है.
मंत्रालय की तरफ से जारी हुक्म में ये कहा गया है कि इमाम और मोअज्जिन रमजान के दौरान गैरहाजिर नहीं रहेंगे. अगर उन्हें कोई इमरजेंसी है तो वह अपनी जगह किसी और को रख कर जाएं. लेकिन इसके लिए उन्हें मंत्रालय से इजाजत लेनी होगी.
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मस्जिद में कैमरे के इस्तेमाल के ताल्लुक से गाइडलाइन जारी की गई है. इसके मुताबिक कोई भी शख्स नमाज के दौरान मस्जिद की फोटोग्राफी नहीं करेगा.
रमजान के आखिरी 10 दिनों में 'एतिकाफ' बैठने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं. इसके लिए मस्जिद के इमाम से इजाजत लेनी होगी. 'ऐतिकाफ' इस्लाम में एक प्रथा है जिसमें रमजान के अंतिम 10 दिनों के दौरान कुछ लोग मस्जिद में अल्लाह की इबादत के लिए अपना समय समर्पित करने के इरादे से खुद को अलग कर लेते हैं.
चूंकि मस्जिद में इफ्तार की इजाजत नहीं है इसलिए इफ्तार के लिए चंदा जुटाने पर पाबंदी लगा दी गई है. अगर कोई रोजेदार को इफ्तार कराना चाहता है तो वह इमाम की इजाजत लेकर मस्जिद के अहाते में कराएगा. इसकी साफ सफाई का भी इंतेजाम किया जाए.
सरकार ने लोगों से ये भी अपील की है कि वह अपने बच्चों को मस्जिद लेकर न आएं. वह लोगों को परेशान करते हैं और इससे लोगों की इबादत में खलल पड़ता है.
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