Nepal General Election: धनकुटा से लगातार 7वीं बार कामयाब हुए पीएम देउबा, अपोज़िशन उम्मीदवार को 12 हज़ार वोटों से दी शिकस्त
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Nepal General Election: धनकुटा से लगातार 7वीं बार कामयाब हुए पीएम देउबा, अपोज़िशन उम्मीदवार को 12 हज़ार वोटों से दी शिकस्त

Nepal General Election 2022: नेपाल के पीएम और नेपाल कांग्रेस के प्रेसिडेंट शेर बहादुर देउबा ने अपने गृह ज़िले धनकुटा से लगातार 7 वीं बार इलेक्शन जीतकर एक नया रिकॉर्ड क़ायम किया है. जिसके बाद उनके हामियों में ख़ुशी की लहर है.

Nepal General Election: धनकुटा से लगातार 7वीं बार कामयाब हुए पीएम देउबा, अपोज़िशन उम्मीदवार को 12 हज़ार वोटों से दी शिकस्त

Nepal General Election 2022: नेपाल के पीएम और नेपाल कांग्रेस के प्रेसिडेंट शेर बहादुर देउबा ने अपने गृह ज़िले धनकुटा से लगातार 7 वीं बार इलेक्शन जीतकर एक नया रिकॉर्ड क़ायम किया है. कार्यवाहक सरकार के पीएम ने 25 हज़ार 534 वोट हासिल किए जबकि उनके क़रीबी प्रतिद्वंद्वी और आज़ाद उम्मीदवार सागर ढकाल को 1 हज़ार 302 वोट मिले.  नेपाल में 20 नवंबर को हुए पार्लियामानी और प्रांतीय चुनावों के लिए 21 नवंबर को वोटों की गिनती शुरू हुई थी. सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस ने अभी तक प्रतिनिधि सभा में 10 सीटें जीती हैं, जबकि वह 46 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. के पी ओली की सदारत वाली मेन अपोज़िशन पार्टी सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट) ने अभी तक तीन सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि 42 सीटों पर उसने कामयाबी हासिल कर ली है.

61 फ़ीसद हुई वोटिंग:EC  
नेपाल के इलेक्शन कमीशन के मुताबिक़ 20 नवंबर को हुए संसदीय और प्रांतीय चुनावों में तक़रीबन 61 फ़ीसद वोटर्स ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल किया. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को ख़िताब करते हुए नेपाल के चीफ़ इलेक्शन कमिश्नर दिनेश कुमार थपलिया ने कहा कि यह वोटिंग फ़ीसद इलेक्शन कमीशन की उम्मीदों से काफ़ी कम है. उन्होंने कहा कि हिंसा की कुछ वारदातों को छोड़कर पूरे मुल्क में पुरअमन तरीक़े से इलेक्शन का अमल पूरा हुआ. नेपाल में संघीय संसद की 275 सीटों और सात प्रांतीय असेंबली की 550 सीटों के लिए इलेक्शन हो रहे हैं.

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लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करते है मतदाता
बता दें कि नेपाल के वोटर्स हमेशा ही एक मुस्तक़िल और मज़बूत सरकार के साथ-साथ डेवलेपमेंट की उम्मीदों पर खरी उतरने वाली सरकार बनाने के लिए साथ समय-समय पर होने वाले जनरल इलेक्शन में ख़ूब बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते आ रहे हैं. 2015 में संविधान के ऐलान के बाद से यह दूसरा आम चुनाव है. 2017 में हुए इलेक्शन में नेपाल के वोटर्स को काफ़ी हद तक नाउम्मीदी हाथ लगी थी, क्योंकि सरकार लंबे समय तक नहीं चल पाई थी. जिससे उन्हें बड़ा झटका लगा था.

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