Iran- Saudi Arabia: दो कट्टर दुश्मन देश बन रहे हैं दोस्त; बदल जाएगी मुस्लिम मुल्कों की राजनीति
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Iran- Saudi Arabia: दो कट्टर दुश्मन देश बन रहे हैं दोस्त; बदल जाएगी मुस्लिम मुल्कों की राजनीति

Iran-Saudi Arabia Diplomatic Relations: ईरान और सऊदी अरब सात साल के तनाव के बाद राजनयिक संबंधों को फिर से स्थापित करने और दूतावासों को खोलने के लिए शुक्रवार को सहमत हो गए हैं. जल्द ही दोनों देशों के बीच नए रिश्तों का आग़ाज़ होगा.

Iran- Saudi Arabia: दो कट्टर दुश्मन देश बन रहे हैं दोस्त; बदल जाएगी मुस्लिम मुल्कों की राजनीति

Iran-Saudi Arabia Relations: सऊदी अरब और ईरान के कूटनीतिक रिश्ते नई इबारत लिखने के लिए तैयार हैं. जल्द ही दोनों देशो के रिश्तों के बीच चल रहे झगड़े ख़त्म होने की कगार पर है. दरअसल, दोनों देश कूटनीतिक रिश्तों को फिर से बहाल करने और दूतावासों को खोलने पर अपनी-अपनी रज़ामंदी ज़ाहिर कर चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों मुल्कों ने बीजिंग में एक शांति वार्ता की, जिसके बाद इस समझौते का ऐलान किया गया. ईरान और सऊदी अरब ने अपने बरसों पुराने झगड़े को भुलाकर रिश्तों की नई डोर बांधने पर रज़ामंदी का इज़हार किया है. 

दोनों देश दूतावास खोलने पर सहमत
सऊदी अरब और ईरान के रिश्तों के दरमियान आई खटास का अब जल्द ही ख़ात्मा होगा. दरअसल दोनों मुस्लिम देशों ने दो महीने के अंदर ही अपने दूतावास खोलने पर हामी भरी है. ये जानकारी ईरान और सऊदी अरब की मीडिया ने  दी है. चीन, सऊदी अरब और ईरान के ज़रिए जारी एक संयुक्त त्रिपक्षीय बयान में कहा गया कि चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग की पहल पर सऊदी अरब और ईरान के बीच अच्छे संबंधों को लेकर यह डेवलपमेंट सामने आया है. सऊदी अरब सरकार की जानिब से जारी बयान में इस बात की जानकारी दी है कि सऊदी और अरब और ईरान के बीच एक एग्रीमेंट हुआ है, जिसमें उनके बीच डिप्लोमेट रिश्तों को फिर से बहाल करने और दो माह की मुद्दत के अंदर अपने दूतावासों और मिशनों को फिर से खोलने पर मुआहिदा हुआ है.

 

नई इबारत लिखने को तैयार
बता दें कि ईरान और सऊदी अरब काफ़ी वक़्त से एक दूसरे के मुख़ालिफ़ रह चुके हैं. अगर बात करें, हाल के कुछ बरसों की, तो दोनों देशों के दरमियान हालात और नाज़ुक हो गए थे. दोनों मुल्क क्षेत्रीय प्रभुत्व के लिए काफी समय से एक दूसरे के आमने- सामने हैं. दोनों इस्लाम के अलग-अलग पंथ को मानते हैं. ईरान में शिया मुसलमानों की तादाद ज़्यादा हैं, जबकि सऊदी अरब ख़ुद को एक सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र के तौर पर देखता है. दोनों देशों के बीच साल 2016 से  रिश्तों में कड़वाहट नज़र आ रही थी, लेकिन इस वार्ता के बाद दोनों मुल्कों के दरमियान रिश्ते बेहतर होने की उम्मीद नज़र आ रही है.

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