नए अध्ययन में पाया गया है कि भारत एक ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा धार्मिक भीड़ जमा होती है, और ऐसे भी में होने वाले हादसे यहां लगातार बढ़ रह हैं. भीड़ जनित हादसों के कारण एक नया डर पैदा हो रहा है.
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नई दिल्लीः हाल ही में भारत चीन को पछाड़कर दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया है. भारत की आबादी 1. 42 अरब के पार पहुंच गई है. इतनी बड़ी आबादी के लिए जहां रोजगार, भोजन, आवास और जीवन यापन के बुनियादी संसाधनों को जुटाना मुश्किल है, वहीं इस बड़ी आबादी के कारण एक और समस्या देश में पैदा हो रही है.
एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि भारत भीड़ से जुड़े हादसों का तेजी से उभरता हुआ केंद्र बनता जा रहा है. धार्मिक समारोहों में भीड़ से जुड़े हादसे होने की आशंका सबसे ज्यादा बढ़ रही है. रिसचर्स ने भीड़ से जुड़े हादसों में जान गंवाने वाले और घायल होने वाले लोगों का अब तक का सबसे बड़ा ‘डेटाबेस’ तैयार किया है. इस डाटा बेस से उम्मीद जताई गई है कि यह दुनियाभर में सार्वजनिक आयोजनों में किए जाने वाले सुरक्षा उपायों में सुधार लाने में मददगार और कारगर हथियार साबित होगा.
120 साल में 281 बड़े हादसे
ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी और जापान स्थित तोक्यो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए इस ‘डेटाबेस’ में 1900 से 2019 के बीच वैश्विक स्तर पर हुए 281 बड़े हादसों का जिक्र किया गया है. ये वे घटनाएं हैं जिनमें कम से कम एक शख्स की मौत हुई या दस लोग घायल हुए हैं. मुख्य शोधकर्ता मिलाद हागनी ने बताया, “भारत और कुछ हद तक पश्चिम अफ्रीका भीड़ से जुड़े हादसों का केंद्र बनते जा रहे हैं. ये तेजी से विकसित होने वाले क्षेत्र हैं, जिनकी मानव आआदी में लगातार वृद्धि हो रही है, और जहां गांवों से शहरों की तरफ लोगों के बढ़ते पलायन के की उपलब्ध बुनियादी ढांचा नाकाफी साबित हो रहा है.”
20 साल में मारे गए 8 हजार लोग
रिसर्च में बताया गया है कि भारत विशेष रूप से घनी आबादी वाला ऐसा क्षेत्र है, जहां बड़े पैमाने पर धार्मिक आयोजन होते हैं और इनमें रिकॉर्ड तादाद में भीड़ जमा होती है. ‘सेफ्टी साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित इस रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में 2000 से 2019 के बीच हुए भीड़ संबंधी 70 फीसदी हादसे धार्मिक आयोजनों से जुड़े हुए थे. इनमें से ज्यादातर हादसे नदियों या किसी जलस्रोत के आस-पास हुए है. रिसर्च में दावा किया गया है कि पिछले 20 साल में दुनियाभर में भीड़ से जुड़े गंभीर हादसों की तादाद में भारी इजाफा हुआ है. 1990 से 1999 के बीच ऐसे हादसों की सालाना की औसत तादाद तीन घटनाएं थीं जो 2010 से 2019 के बीच हर साल 12 घटनाएं थी. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 20 साल में दुनियाभर में भीड़ से जुड़े हादसों में लगभग 8,000 अफराद मारे गए हैं, और 15,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.
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