Pakistan: इमरान ख़ान का एक और सियासी दांव; अपनी ही पार्टी की सरकार को किया भंग
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Pakistan: इमरान ख़ान का एक और सियासी दांव; अपनी ही पार्टी की सरकार को किया भंग

Pakistan News: पाकिस्तान में जल्द इलेक्शन कराने की मांग को लेकर इमरान ख़ान ने बहुत बड़ा सियासी दांव खेला है और अपनी ही बहुमत वाली प्रांतीय सरकार को भंग कर दिया है. 

Pakistan: इमरान ख़ान का एक और सियासी दांव; अपनी ही पार्टी की सरकार को किया भंग

Imran Khan News: पाकिस्तान में जल्द इलेक्शन कराने की मांग को लेकर इमरान ख़ान ने बहुत बड़ा सियासी दांव खेला है और अपनी ही बहुमत वाली प्रांतीय सरकार को भंग कर दिया है. जानकारी के मुताबिक़, पाकिस्तान के नार्थ-वेस्ट खैबर पख्तूनख्वा में सूबाई असेंबली को भंग कर दिया गया है और पिछले एक हफ्ते से भी कम वक़्त में इमरान खान का ये दूसरा बड़ा कदम है, क्योंकि पूर्व पीएम इमरान खान जल्द नेशनल इलेक्शन के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं. 

खैबर पख्तूनख्वा असेंबली भंग
खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर हाजी गुलाम अली ने बुधवार को प्रांतीय विधानसभा को फौरी तौर से भंग करने वाले एक ख़त पर दस्तखत कर दिए हैं. खैबर पख्तूनख्वा के सीएम की सिफारिश के बाद उन्होंने असेंबली को भंग कर दिया है, जो खुद भी इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के ही रूक्न हैं. इससे पहले शनिवार को, पाकिस्तान के सबसे ज़्यादा आबादी वाले सूबे, पंजाब में असेंबली को भी पीटीआई चीफ इमरान खान के एक आदेश के बाद भंग कर दिया गया था. इमरान खान, जिन्हें पिछले साल अप्रैल महीने में हुकूमत से हटा दिया गया था, वो उसी वक्त से लगातार पाकिस्तान में फिर से इलेक्शन करवाने का मुतालबा कर रहे हैं.

इमरान की ओर से चुनाव कराने का ज़ोर
पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक़, अगर सदन अंतरिम सरकार स्थापित करने में नाकाम रहता है, तो प्रांतीय विधानमंडल के भंग होने के तीन महीने के अंदर नए इलेक्शन होने चाहिए. लिहाजा, इमरान खान का दांव ये है, कि वो सूबों में अपनी ही सरकार को भंग करके, सेंट्रल की शहबाज शरीफ की सरकार पर जल्द से जल्द आम इलेक्शन के लिए प्रेशर डाल सकते हैं. पाकिस्तान में अभी तक देखा गया है, कि प्रांतों में असेंबली इलेक्शन भी सेंट्रल लोकसभा इलेक्शन के साथ ही होते हैं, लेकिन पाकिस्तान का आईन अलग अलग इलेक्शन कराने की भी परमिशन देता है. लिहाजा माहेरीन का मानना है, कि इन सूबों के लिए अलग से चुनाव करवाकर शहबाज शरीफ का पलड़ा इमरान खान पर भारी पड़ सकता है.

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