Hajj 2023: मुस्लिम लीग के MP ने स्मृति ईरानी से की मुलाक़ात; हज मामले में रखी ये मांग
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Hajj 2023: मुस्लिम लीग के MP ने स्मृति ईरानी से की मुलाक़ात; हज मामले में रखी ये मांग

Hajj 2023: हज के आवदेन में हो रही देर का मामला लगातार गर्माता जा रहा है. इस मामले में केरल से मुस्लिम लीग के एमपी ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी से मुलाक़ात की. पढ़िए पूरी ख़बर 

Hajj 2023: मुस्लिम लीग के MP ने स्मृति ईरानी से की मुलाक़ात; हज मामले में रखी ये मांग

Hajj 2023: हज के आवदेन में हो रही देर का मामला लगातार गर्माता जा रहा है. इस मामले में केरल से मुस्लिम लीग के एमपी ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी से मुलाक़ात की. इस दौरान उन्होंने जल्द से जल्द हज के आवेदन शुरू करने का मुतालबा किया. साथ ही जल्द ही हज पॉलिसी लाने का भी मुतालबा किया गया. दरअसल लोगों की परेशानी की वजह यह है कि फ़रवरी का महीना शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक हज 2023 के फार्म नहीं निकले हैं. हज पर जाने की ख़्वाहिश रखने वाले लोगों में एक तरफ जहां बहुत ज़्यादा बैचेनी बढ़ गयी है, वही अब सवाल उठ रहे है, कि आख़िर कैसे इतने कम वक़्त में हज पर जाने की तैयारियां पूरी होंगी. 

भारत का मूल हज कोटा बहाल
वहीं गुरुवार को अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने भारत के इस साल के हज कोटा के बारे में जानकारी दी.मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में अपने तहरीरी जवाब में जानकारी दी कि साल 2023 के लिए भारत का हज कोटा 1,75,025 पर तय कर दिया गया है. स्मृति  ईरानी ने कहा कि मंत्रालय ने हज प्रबंधन को लेकर रियासतों और केंद्र शासित प्रदेशों की हज कमेटियों समेत हितधारकों के साथ कई डायलॉग सेशन आयोजित किए हैं, जिनमें हज कोटा की बहाली के आवेदन प्राप्त हुए थे. उन्होंने कहा कि, "हज 2023 के लिए किंगडम ऑफ सऊदी अरब (KSA) के साथ सालाना द्विपक्षीय समझौते के तहत इस मुद्दे पर बातचीत की गई थी और कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद, देश का मूल हज कोटा यानी 1,75,025 को बहाल कर दिया गया है.'' 

लोगों में बढ़ी बेचैनी
2023 में हज पर जाने वाले ख़्वाहिश मंद लोगों को समझ में नहीं आ रहा कि आख़िर इस देर की वजह क्या है और इतने कम वक़्त में तैयारियां कैसे पूरी होंगी. आम तौर पर देखा गया है कि हर साल अक्टूबर- नवंबर में हज के लिए एप्लिकेशन देने का प्रोसिस शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार अब तक कोई ख़ैर-ख़बर नहीं है. हज कमेटियों के ऑफिस में लोगों की एक बड़ी तादाद रोज़ाना पूछने आती है कि आख़िर फार्म कब निकलेंगे लेकिन उन्हें सिर्फ़ मायूसी ही हाथ लगती है.

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