Fatima Payman: ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के अनुसार, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पर्थ की 27 वर्षीय फातिमा पैमान सीनेट की पहली हिजाब पहनने वाली मुस्लिम सदस्य हैं.
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केंबरा: ऑस्ट्रेलिया के संसदीय तारीख में पहली बार, एक अफगान मूल अप्रवासी मुस्लिम महिला फातिमा पैमान को ऑस्ट्रेलियाई सीनेट के लिए चुना गया है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री एंथोनी अल्बानीज ने ट्वीट कर फातिमा पैमान को सीनेट का सदस्य बनने पर मुबारकबाद पेश की.
इससे पहले 20 जून को ऑस्ट्रेलियाई चुनाव आयोग ने घोषणा की कि फातिमा पैमान ने सीनेट का चुनाव जीत लिया है. फातिमा पैमान को ऑस्ट्रेलिया में अफगान दूतावास ने भी सीनेट के सदस्य के रूप में उनके चुनाव पर बधाई दी.
Congratulations Senator Payman https://t.co/EazEB9h5Gn
— Anthony Albanese June 20, 2022
On this #WorldRefugeeDay we are pleased to hear that Ms Fatima Payman, an Afghan Refugee, now an Australian citizen, has made her path towards the Senate of the @Aust_Parliament
Many congratulations, Senator Fatima Payman! pic.twitter.com/MSExD38mpp
— Afghanistan in Australia (AfghanEmbassyAu) June 20, 2022
ऑस्ट्रेलियाई सीनेट के लिए चुनाव लड़ने से पहले, फातिमा पैमान ने लेबर पार्टी की वेबसाइट पर अपने परिचय में लिखा: "मेरा नाम फातिमा पैमान है. मैं अफगान मूल की एक ऑस्ट्रेलियाई मुस्लिम हूं और मेरी सांस्कृतिक जड़ें अफगानिस्तान से हैं" मैं अपने माता-पिता के चार बच्चों में सबसे बड़ी हूं. ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी शहर पर्थ में पली बढ़ी.
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के अनुसार, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पर्थ की 27 वर्षीय फातिमा पैमान सीनेट की पहली हिजाब पहनने वाली मुस्लिम सदस्य हैं. जानकारी के मुताबिक, फातिमा पेमन आठ साल की थीं जब वह अपनी मां और छोटे भाई-बहनों के साथ ऑस्ट्रेलिया आई थीं. उसके पिता ऑस्ट्रेलिया में शरणार्थी के रूप में काम करते थे.
फातिमा पैमान का कहना है कि उन्होंने अपने पिता से कड़ी मेहनत करना और साबित कदम रहना सीखा है. उन्होंने कहा, "2019 में मेरे पिता की कैंसर से मृत्यु के बाद से, मैं अपने पिता जैसे लोगों और मेहनती ऑस्ट्रेलियाई आदमियों तक पहुंचा हूं, जो जीवनयापन करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.'
सीनेट के सदस्य के रूप में अपने चुनाव से पहले, फातिमा पैमान ने हाई स्कूल के छात्रों को पढ़ाया और एक चैरिटी के लिए स्वेच्छा से काम किया. उन्होंने युवा और पुलिस कौशल विकास केंद्र के लिए भी काम किया है.
फातिमा पैमान ने ऑस्ट्रेलियाई रेडियो स्टेशन एबीसी को बताया कि उनके पिता ने 1999 में नाव से हिंद महासागर को पार किया था और अपनी पत्नी और बच्चों को बेहतर जीवन देने के लिए शरणार्थी के रूप में ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे.
ऑस्ट्रेलियाई सीनेट का सदस्य चुनने जाने पर जहां उनको अफगानिस्तान और दूसरी मुस्लिम दुनिया की तरफ से मुबारकबादी पेश की जा रही है, वहीं उन्हें ऑस्ट्रेलिया में उनकी लेबर पार्टी के नेताओं की तरफ से भी बधाई जा रही है. फातिमा के ही शहर पर्थ से लेबर पार्टी के सदस्य पैट्रिक गोर्मन ने कहा, मुझे बहुत फख्र है कि हमारा राज्य कैनबरा में हमारा प्रतिनिधित्व करने के लिए फातिमा को भेज रहा है. सीनेटर-चुने गए Payman अफगानिस्तान से सांस्कृतिक जड़ों वाला एक ऑस्ट्रेलियाई मुस्लिम है, चार बच्चों में सबसे बड़ा और श्रमिकों के लिए एक मजबूत वकील.'
I am so proud that our state is sending Fatima to represent us in Canberra.
Senator-elect Payman is an Australian Muslim with cultural roots from Afghanistan, the eldest of four children and a strong advocate for workers.
— Patrick Gorman MP (@PatrickGormanMP) June 20, 2022
अफगानिस्तान के पूर्व उप विदेश मंत्री महमूद सैकल ने ट्वीट किया: "काबुल की एक युवा शरणार्थी फातिमा पैमान ने तालिबान के क्रूर शासन के दौरान ऑस्ट्रेलियाई सीनेट में शामिल हुई हैं, जहां अफगान महिलाएं और लड़कियां नौकरी और शिक्षा से वंचित हैं. फातिमा ने सीनेट जीती है. बधाई सीनेटर Payman. आप सौभाग्यशाली हों.'
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