ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने देशवासियों को इन चुनौतियों से उबारने का किया वादा
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ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने देशवासियों को इन चुनौतियों से उबारने का किया वादा

British Prime Minister elect Rishi Sunak promises stability and unity: ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था इस वक्त गंभीर संकट से गुजर रही है. जनता टैक्स के बोझ से परेशान है. इस चुनौती से निपटने में असफल होने पर ही लिज ट्रस ने इस्तीफा दे दिया था, जिसे दूर करने का सुनक (Rishi Sunak) ने वादा किया है. 

 

ऋषि सुनक

लंदनः ब्रिटेन का प्रधानमंत्री (British Prime Minister) चुने जाने के बाद ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने अपने पहले संबोधन में कहा है कि देश इस वक्त एक गंभीर आर्थिक चुनौती का सामना कर रहा है, इसलिए वह पहले आर्थिक स्थिरता ( Economic stability and unity) के लिए काम करेंगे. इसके साथ ही सनक ने कहा कि वह पार्टी और देश को एकजुट करने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाएंगे. सुनक ब्रिटेन के पहले अस्वेत प्रधानमंत्री हांगे जबकि इस साल एक वर्ष के अंदर वह देश के तीसरे प्रधानमंत्री होंगे. भारतीय विरासत के पहले हिंदू प्रधान मंत्री होने के अलावा, सुनक ब्रिटेन के पिछले लगभग 200 सालों के इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री होंगे. मंगलवार को उनके शपथ ग्रहण की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऋषि सुनक को ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी है. 

मैं ईमानदारी और नम्रता के साथ आपकी सेवा करूंगा 
परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद सुनक ने अपने पहले संबोधन में कहा, ’’देश को कुछ देने के लिए अपने जीवन का सबसे बड़ा विशेषाधिकार पाने के लिए वह विनम्र और सम्मानित महसूस कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, “ब्रिटेन एक महान देश है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम एक गहन आर्थिक चुनौती का सामना कर रहे हैं, लेकिन हमें इन चुनौतियों से पार पाना है और अपने बच्चों और उनके एक बेहतर और समृद्ध भविष्य के निर्माण के लिए काम करना है.’’ उन्होंने कहा, “मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं ईमानदारी और नम्रता के साथ आपकी सेवा करूंगा और ब्रिटिश लोगों के लिए काम करने के लिए दिन रात एक कर दूंगा.’’

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती 
सुनक पिछली नेतृत्व की दौड़ में उपविजेता थे, जिसने सांसदों से सर्वोच्च समर्थन हासिल किया, लेकिन टोरी सदस्यों को वोट देने के बाद लिज़ ट्रस से हार गए थे. ट्रस ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए करों को कम करने के जनादेश पर जीत हासिल की थी, लेकिन अपने मिनी-बजट के बाद बाजारों में वित्तीय उथल-पुथल की वजह से उन्हें अपने आर्थिक नीतियों पर यू-टर्न लेने के लिए मजबूर होना पड़ा और पिछले हफ्ते उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था. सुनक ने ट्रस की योजनाओं को “परी-कथा’’ करार दिया था. इसलिए उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना होगा और वह भी टैक्स में बिना कोई वृद्धि किए. 

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