शनिवार को अफगानिस्तान, लीबिया, मिश्र और केन्या समेत कई देशों में ईद-उल-अजहा का पर्व मनाया गया, जबकि भारत में इतवार को ये त्यौहार मनाया जाएगा.
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मीनाः सऊदी अरब, अफगानिस्तान, लीबिया, मिस्र, केन्या और यमन समेत दुनिया के कई मुल्कों में शनिवार को ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व मनाया जा रहा है. इंडोनेशिया, भारत और पाकिस्तान सहित एशिया के ज्यादातर देशों में इतवार को बकरीद मनाई जाएगी. हालांकि भारत में बोहरा मुसलमानों ने शनिवार को ही बकरीद का पर्व मना लिया है. चार दिवसीय त्योहार पर बहुत से मुस्लिम पारंपरिक तौर पर पशुओं की कुर्बानी देने के बाद उसके मांस को परिवार, दोस्तों और गरीबों में बांटते हैं.
खरीदारी पर यूक्रेन युद्ध का साया
गौरतलब है कि खुशी के इस त्योहार पर भोजन की विविधता एक मुख्य आकर्षण होता है, लेकिन यूक्रेन में रूस के हमले की वजह से खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई वृद्धि का जश्न पर साफ असर देखा जा रहा है. उत्तरी अफगानिस्तान में मजार-ए-शरीफ के एक मवेशी बाजार के मोहम्मद नादिर ने कहा कि हर कोई अल्लाह के नाम पर एक जानवर की कुर्बानी देना चाहता है, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि वे गरीब हैं, उनके पास इतने पैसे नहीं है.’’
भारत में भी फीकी रही खरीदारी
यूक्रेन युद्ध के कारण गेहूं और मांस की कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं. गाजा पट्टी में एक पशु बाजार में खरीदारों की संख्या काफी कम देखी गई. विक्रेताओं ने कहा कि हाल के हफ्तों में भेड़ के चारे की कीमत चार गुना बढ़ गई है. हालांकि, महंगाई का असर भारत में भी साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. बकरा बाजारों के साथ ही आम बाजारों में ग्राहकों की संख्या में काफी की देखी जा रही है.
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