Assembly election result 2024: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे. एग्जिट पोल्स के मुताबिक, हरियाणा में कांग्रेस की सरकार तो जम्मू कश्मीर में किसी भी दल या गठबंधन को बहुमत नहीं मिलने के संकेत हैं. इसके बावजूद दोनों राज्यों के चुनाव नतीजों पर पूरे देशवासियों की नज़र रहेगी. आप इस चुनाव नतीजे की पलपल की ख़बरें https://zeenews.india.com/hindi/zeesalaam पर देख सकते हैं.
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Assembly election result 2024: दो राज्यों जम्मू- कश्मीर और हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों का मंगलवार 8 अक्टूबर को नतीजा आना है. ये सिर्फ दो राज्यों के चुनावों का ही परिणाम नहीं होगा, बल्कि ये मुल्क के दो बड़ी पार्टियों और दो बड़े नेताओं की शख्सियतों का भी रिपोर्ट कार्ड होगा. इससे यह तय होगा कि लोक सभा चुनाव के बाद मुल्क के दो राज्यों के वोटर्स का मूड कितना बदला है ? क्या भाजपा- कांग्रेस, राहुल गाँधी और नरेन्द्र मोदी को लेकर दो राज्यों के लोगों के नज़रिए में कोई बदलाव आया है या फिर लोगों के विचार वैसे ही हैं ? साफ़- साफ़ लफ़्ज़ों में कहें तो इन चुनावों का रिजल्ट इस बात का भी टेस्ट होगा कि देश में अभी भगवा राजनीति को लेकर आग्रह बरकरार है, या वोटर्स का सेक्युलर निजाम पर भरोसा बढ़ा है ?
अगर जम्मू-कश्मीर में भाजपा जोड़तोड़ के बाद भी सरकार बानाने में नाकम रहती है, तो इससे पार्टी साहित मोदी और शाह के साख पर भारी सवाल खड़े कर देगा. मोदी का पार्टी में हासिये पर जाने का रास्ता तय करेगा, जबकि कांग्रेस जीतती है, तो इससे राहुल गाँधी का जबर्दश्त उभार होगा. इसका सीधा असर महाराष्ट्र, झारखण्ड, दिल्ली और अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा.
हरियाणा में में गुजश्ता १० सालों से सत्ता में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी ( BJP) ने इस बात का भरोसा जताया है कि वह तीसरी बार हरियाणा में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाएगी. वहीं, एग्जिट पोल ने ठीक इसके बरअक्स अंदाज़ा लगाया है कि हरियाणा में बीजेपी बुरी तरह से हार रही है, और 10 सालों से सत्ता से दूर चल रही कांग्रेस इस राज्य में पूरी मेजोरिटी के साथ सरकार बनाने जा रही है. एग्जिट पोल के अनुमान से जहाँ कांग्रेस ख़ासा जोश में दिख रही है, वहीँ बीजेपी एग्जिट पोल के नतीजों को दरकिनार कर हरियाणा में भाजपा की सरकार बनाने का दावा कर रही है.
हरियाणा में बीजेपी की संभावित हार के पीछे की बड़ी वजह हरियाणा और पंजाब में पिछले सालों में हुए किसान आन्दोलन को माना जा रहा है. इसके आलावा पिछले साल महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले की वजह से भी इस प्रदेश में लोग भाजपा से खफा बताए जा रहे हैं.
लोकसभा चुनावों के बाद जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच पहला बड़ा सीधा मुकाबला है. इस चुनाव के नतीजों का इस्तेमाल विजय पार्टी के जरिये अन्य राज्यों में अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए किया जाएगा. महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
हरियाणा की बात करें तो यहाँ चुनाव में मुख्य पार्टियां भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो)-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जननायक जनता पार्टी (जजपा)-आजाद समाज पार्टी (आसपा) चुनावी मैदान में हैं, लेकिन ज्यादातर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है.
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जम्मू-कश्मीर में दाव पर मोदी और शाह की इज्ज़त
कश्मीर की बात करें तो यहाँ लगभग १० सालों बाद चुनाव हो रहे हैं. कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति और राज्य विधानसभा को भंग किये जाने के बाद यह पहला मौका है जब चुनाव किये जा रहे हैं. इस चुनाव में भाजपा और खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की साख दांव पर लगी है. भाजपा ने चुनाव से पहले परिसीमन में जम्मू के विधानसभा सीटों में इजाफा किया था ताकि इस राज्य में सरकार गठन में जम्मू का दबदबा कायम रहे और वहां से चुने जाने वाले प्रतिनिधि निर्णायक भूमिका में हों. भाजपा को उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में पार्टी को समर्थन मिलेगा. हालांकि, जम्मू-कश्मीर में चुनाव के बाद आये एग्जिट पोल में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधी टक्कर के बजाय बहुकोणीय मुकाबला होने की संभावना व्यक्त की गयी है.भाजपा को जम्मू रीजन में ज़रूर फायदा मिलेगा, लेकिन वो फायदा सरकार बनाने में कोई रोल नहीं अदा कर पायेग.