शहरी और अमीर लोग पैसे देकर खरीद रहे हैं Vitamin-D की कमी; गाँव में मुफ्त में मिलती है ये Vitamin
Taushif Alam
May 11, 2024
Vitamin D deficiency Vitamin-D की कमी एक आम वैश्विक समस्या है. दुनिया भर में लगभग 1 अरब लोगों में विटामिन डी की कमी है. भारत जैसे विकासशील दक्षिण एशियाई देश भी अब इसकी चपेट में आ रहे हैं.
Vitamin-D की कमी से मांसपेशियों में कमजोरी, दर्द और ऐंठन , हड्डी में दर्द, जोड़ों में विकृति, बहुत ज्यादा थकान, मूड में बदलाव, और अवसाद जैसे लक्षण दिखने लगते हैं.
लम्बे समय तक Vitamin-D की कमी से हाइपोकैल्सीमिया, रिकेट्स, हाइपोफोस्फेटेमिया, ह्रदय रोग, अवसाद और कैंसर तक की समस्या हो सकती है.
Vitamin D की कमी सैल्मन और टूना मछली, कलेजी, मशरूम,अंडे, गाय का दूध, सोया, बादाम, संतरा, और डेयरी उत्पाद के सेवन से पूरा किया जा सकता है. जैसे दही.
हालांकि, Vitamin-D का सबसे बड़ा और मुफ्त का सोर्स सुबह की धूप को माना जाता है. रोज़ 20 से 30 मिनट उगते हुए सूरज के संपर्क में आने से मानव शरीर का त्वचा खुद विटामिन डी तैयार कर लेता है.
पिछले कुछ सालों में देश और दुनिया में आर्थिक समृधि आने और लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठने के बाद एशियाई देशों के नए अमीर लोग इस बीमारी के तेजी से शिकार हो रहे हैं.
शहरी और समृद्ध लोग देर तक सोते रहते हैं.. इस वजह से उन्हें सुबह की धूप नहीं मिलती है. उनके घर, दफ्तर और गाड़ियों में भी AC होती है.. इस वजह से वो कभी धूप के संपर्क में ही नहीं आते हैं.
महानगरों में फ्लैट कल्चर के कारण घरों में हवा और धूप नहीं आता है.. सुबह की धूप नहीं मिलने से महिलाएं तेज़ी से विटामिन-D की कमी की शिकार हो रही हैं.
इसके विपरीत गांवों में सुबह जल्दी जागने वाले और खुले आंगन वाले घरों में रहने वाली महिलाएं विटामिन-D की कमी की शिकार कम होती हैं.
हालांकि, खान-पान के बदलते तरीके, शहरों जैसा बंद घरों का कल्चर और देर से सोकर उठने की आदत की वजह से अब गाँव के लोग भी विटामिन-D की कमी से जूझने लगे हैं.
Disclaimer ये जानकारी जेनरल फिजिसियन डॉक्टर छाया शर्मा से बातचीत करके बनाई गई है, जो WHO के आंकड़ों पर आधारित है. हालांकि, ये समस्या किसी भी आय, आयु, लिंग और भूगौलिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों को हो सकती है.