फैटी लिवर
खून में मौजूद हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में लीवर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

Taushif Alam
Jul 30, 2024


लिवर शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है, जो कई पोषक तत्वों को स्टोर करने की क्षमता रखता है और शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन के उत्पादन में भी प्रमुख भूमिका निभाता है.


आइए जानते हैं कि यह बीमारी क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, किन लोगों को इसका ज्यादा खतरा है और हम इससे कैसे बचाव कर सकते हैं?


फैटी लिवर की समस्या दो तरह से देखी जाती है. पहला, एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज और दूसरा, नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज होता है.


जो लोग ज्यादा शराब का सेवन करते हैं, उन्हें अल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या होती है, वहीं, जो ज्यादा शराब का सेवन नहीं करते हैं उन्हें नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर की शिकायत होती है.


नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग से जुड़े लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते. आमतौर पर पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द इसका लक्षण हो सकता है.


इसके अलावा ज्यादातर थकान, हाथ या पैर की नसों का मोटा होना, आंखों और स्किन में पीलापन भी NASH के लक्षण हो सकते हैं.


लीवर में सूजन और पेट में असहनीय दर्द का भी सामना करना पड़ सकता है. एडवांस स्टेज में हाथ, पैर, आंख और त्वचा पर भी लक्षण दिखाई देते हैं.

कैसे करें बचाव?
फैटी लिवर की बीमारी से बचने के लिए अच्छी जीवनशैली और खानपान का होना बहुत जरूरी है. ध्यान रखें कि आपके खाने में बहुत ज्यादा तेल या घी शामिल न हो, इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और मौसमी फलों का सेवन करना भी बेहतर होता है.

डिस्क्लेमर
यहां दी गई जानकारी डॉक्टर साकेत शर्मा से बातचीत पर आधारित है.

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