गोरी त्वचा पाने का जुनून

खूबसूरत स्किन यानी गोरी त्वचा को लेकर समाज में एक अलग तरह का जुनून देखने को मिलता है. गोरी त्वचा पाने के लिए लोग कई प्रकार की फेयरनेस क्रीम्स का इस्तेमाल करते हैं.

फेयरनेस क्रीम्स

जिसकी वजह से पूरे देश में फेयरनेस क्रीम्स को लेकर खासा क्रेज नजर आता है. हालांकि, ये क्रीम्स बड़े पैमाने पर किडनी को नुकसान पहुंचाती हैं.

रिसर्च में खुलासा

एक रिसर्च में पता चला है कि, स्किन को निखारने वाली क्रीमों के इस्तेमाल से देश में किडनी की समस्या बढ़ रही है.

किडनी

मेडिकल जर्नल किडनी इंटरनेशनल में छपी एक रिसर्च में पता चला है कि, फेयरनेस क्रीम के बढ़ते उपयोग से मेम्ब्रेनस नेफ्रोपैथी के मामले बढ़ रहे हैं. जो किडनी फिल्टर को नुकसान पहुंचाता है.

मेम्ब्रेनस नेफ्रोपैथी

मेम्ब्रेनस नेफ्रोपैथी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें मरीजों को गंभीर सूजन और मूत्र में प्रोटीन का लेवल बढ़ जाता है.

डार्क स्किन

यूजर बताते हैं कि, इसका इस्तेमाल बंद करने से त्वचा का रंग पहले से कहीं ज्यादा काला पड़ जाता है.

मामलों की जांच

एक रिसर्च में जुलाई 2021 और सितंबर 2023 के बीच रिपोर्ट किए गए MN के 22 मामलों की जांच की गई.

थकान

इन मरीजों में थकान, हल्की सूजन और मूत्र में झाग बढ़ने जैसे सिम्पटम्स पाए गये.

लक्षण

15 मरीजों में से 13 ने लक्षण शुरू होने से पहले ही स्किन को गोरा करने वाली क्रीम का इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की.

रिसर्च

Disclaimer: ये जानकारी एक शोध पर आधारित है.

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