इस शादी को लेकर भाजपा नेता और लड़की के पिता ने जो अपना पक्ष रखा है, वह कट्टरपंथियों के मुंह पर एक तमाचे की तरह है. कट्टरपंथी जहां, इस शादी से नाराज हैं, वहीं लाखों लोग नेता के फैसले की तारीफ कर रहे हैं.
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नई दिल्लीः उत्तराखंड के एक भाजपा नेता की बेटी ने एक मुस्लिम युवक से हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक शादी करने जा रही है. खास बात यह है कि यह शादी दोनों परिवारों की रजामंदी से हो रही है, और इस शादी के लिए बाजाब्ता शादी का कार्ड भी छपवाया गया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस शादी के कार्ड को लेकर जहां हिंदू साधू-संत और कट्टरपंथी भाजपा नेता के विरोध में आ गए हैं, वहीं उदारवादी लोग इस शादी की तारीफ में कसीदे गढ़ रहे हैं. हालांकि, इस पूरे विवाद पर लड़की के पिता और भाजपा नेता ने अपना पक्ष रखकर विरोधियों की बोलती बंद कर दी है. शादी 28 मई को होनी है.
शादी पर क्यों मचा बवाल
दरअसल, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के नगर पालिका अध्यक्ष व पूर्व विधायक यशपाल बेनाम की बेटी की शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह देखने में तो शादी का एक सामान्य कार्ड है, लेकिन इसमें लिखे शब्द लोगों को असमान्य से लग रहे हैं. कार्ड पर यशपाल बेनाम की इंजीनियर बेटी मोनिका की शादी अमेठी निवासी मोनिस से हो रही है. दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ाई करते थे, और अब दोनों नौकरी करते हैं. मोनिका जहां भाजपा नेता और राजपूत बिरादरी से ताल्लुक रखती है, वहीं मोनिस एक मुस्लिम युवक है. यही बात कट्टरपंथियों की आंखों में खटक रही है. मोनिका के पिता पिछले 40 सालों से भाजपा नेता हैं और मां पेशे से एक टीचर हैं.
अपने हिसाब से जिंदगी जीने का हक
इस शादी को लेकर जहां भाजपा नेता, विपक्ष, ककट्टरपंथी और सोशल मीडिया यूजर का एक वर्ग भाजपा नेता के खिलाफ खुलकर आ गया है और उनका मजाक उड़ा है, तंज कस रहा है, वहीं लड़की के पिता अपने फैसले पर पूरी तरह अटल हैं. भाजपा नेता यशपाल बेनाम ने कहा कि लड़के-लड़की दोनों बालिग हैं और उन्हें अपने हिसाब से जिंदगी जीने का हक है. दोनों आपस में प्रेम करते हैं. लड़का बेहद संस्कारी और अच्छे परिवार का है. सिर्फ इस वजह से कि वह एक मुस्लिम है, इस शादी से इंकार करने का कोई मतलब नहीं था. यशपाल बेनाम ने कहा कि दुनिया और वक्त तेजी से बदल रहा है, हमें उसके मुताबिक ही चलना है. प्यार की राह में नफरत नहीं चल सकता है. उन्होंने कहा, दुनिया को जो भी कहना है और सोचना है वह सोचे, हमने बेटी की खुशियों के लिए ये काम किया है और आखिरी वक्त तक अपने फैसले के साथ खड़ा रहूंगा.
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