Ghaziabad Nameplate Controversy: कांवड़ यात्रा वाले रूट पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया था, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. इसके बावजूद यूपी में हिंदू संगठन के नेता दुकानों पर नेमप्लेट लगा रहे हैं. इस बीच कांग्रेस और कुछ संगठनों में पोस्टर वार छिड़ गया है.
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Ghaziabad Nameplate Controversy: यूपी, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा वाले रूट पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया था, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. इसके बावजूद यूपी में हिंदू संगठन के नेता दुकानों पर नेमप्लेट लगा रहे हैं. इस बीच कांग्रेस और कुछ संगठनों में पोस्टर वार छिड़ गया है. एक तरफ हिंदू संगठन "गर्व से कहो हम हिंदू हैं" के पोस्टर लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस नेता "मोहब्बत की दुकान" के पोस्टर लगा रहे हैं.
क्या है पूरा मामल
दरअसल, गाजियाबाद में कुछ हिंदू संगठनों ने "गर्व से कहो हम हिंदू हैं" के पोस्टर दुकानों पर लगाते हुए अभियान चला रखा है. वहीं, इसके जवाब में कांग्रेस ने भी "मोहब्बत की दुकान" के पोस्टर लगाने का अभियान चला रहे हैं. इसके साथ ही कांग्रेस के नेताओं ने पोस्टर लगाते हुए जय सियाराम आओ लगे मोहब्बत की दुकान के नारे लगाए.
डॉली शर्मा ने क्या कहा?
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और गाजियाबाद से संसद का इलेक्शन लड़ चुकीं, डोली शर्मा ने बताया बीजेपी लोगों को धर्म और जाति के नाम पर बांटने का काम करती है, वहीं, उनके नेता मोहब्बत की दुकान का नारा देकर बताना चाहते हैं कि सभी लोग एक हैं. कावड़ यात्रा सालों साल से निकलती हुई आ रही है और खुद कावड़ यात्री भी किसी में भेदभाव नहीं करते हैं. हम लोग भी सालों साल से शिविर लगाते हुए आ रहे हैं. हम यह बैनर लगाकर यह संदेश देना चाहते हैं कि आप हमारी एकता और अखंडता के साथ खेल नहीं खेल सकते यह हम सभी का देश है और हम साथ मिलकर रहते हुए चले आ रहे हैं, हिंदुस्तान सभी धर्म का देश है और यहां सभी मिलजुल कर रहते हैं सभी प्यार से रहते हैं.
दुकानों पर लगा "मोहब्बत की दुकान" के पोस्टर
"मोहब्बत की दुकान" के पोस्टर लगाने के दौरान कांग्रेस नेत्री डॉली शर्मा दुकानदार से गोलगप्पे भी खाती हुई नजर आई, वहीं, दुकानदार भी मोहब्बत की दुकान का पोस्टर लगाने के बाद कहते हुए नजर आए के देश में प्यार मोहब्बत होनी चाहिए. पोस्टर लगाना अच्छा है. सभी लोग आए और प्यार मोहब्बत से खाएं.