Tawang: तवांग पर क्यों कब्जा करना चाहता है चीन? भारत को उससे क्या होगा नुकसान
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Tawang: तवांग पर क्यों कब्जा करना चाहता है चीन? भारत को उससे क्या होगा नुकसान

Tawang: भारत और चीनी फौजी एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं. तवांग पर कब्जी की नीयत रखने वाले चीनी फौजियों को भारतीय जवानों ने मुंह तोड़ जवाब दिया. 

Tawang: तवांग पर क्यों कब्जा करना चाहता है चीन? भारत को उससे क्या होगा नुकसान

Tawang: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. डोकलाम, लद्दाख के बाद अब उसने तवांग में घुसपैठ करने की कोशिश की. जिसका भारतीय फौजियों ने मुंहतोड़ जवाब दिया. इस दौरान दोनों देशों के जवाब जख्मी हुए. घटना 9 दिसंबर की है. बताया जा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीनी फौजी उस वक्त टकरा गए जब वो पेट्रोलिंग कर रहे थे. पेट्रोलिंग के दरान तवांग सेक्टर में दोनों देशों के फौजी एक दूसरे के सामने आ गए. चीनी फौज एलएसी तक पहुंचना चाहती थी लेकिन उससे पहले उसे भारतीय जवानों से भिड़ना था. उसी वक्त भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का डटकर सामना किया. 

1962 के बाद से ही चीन की गंदी नजर
इस पूरी घटना से अलग हम आपको बताना चाहते हैं कि आखिर चीन के लिए यह जगह इतनी अहम क्यों है और अगर भारत के हाथों से यह तवांग चला जाता है तो फिर हमें क्या नुकसान होंगे. तो सबसे पहले ये बता देते हैं कि 1962 की जंग के बाद से ही तवांग पर चीन की गंदी नजर है. साल 1962 में दोनों देशों के बीच हुई जंग के बाद से चीन ने इसे खाली कर दिया था क्योंकि यह मैकमोहन लाइन के अंदर पड़ता है. लेकिन बाद में चीन की नीयत बदल गई और अपनी बदली नीयत के तहत उसने यहां फौजी जमा करने शुरू कर दिए.

क्यों कब्जा करना चाहता है चीन
अरुणाचल प्रदेश का तवांग करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई है और यह दोनों देशों की फौज के लिए रणनीतिक तौर पर बहुत खास जगह है. इसके अलावा तवांग पर कब्जे के इरादे के पीछे चीन की एक खास रणनीति है. इस पोस्ट पर कब्जा करने के बाद चीन, तिब्बत के साथ-साथ एलएसी की निगरानी भी करना चाहता है. हालांकि चीन का यह दोबारा यहां पहुंच जाए, इतना आसान नहीं है. वहीं अगर भारत के नुकसान की बात करें तो चीन अगर इस पर कब्जा कर लेता है तो वो अरुणाचल प्रदेश पर अपना कब्जा ठोक सकता है. जिसे वो पहले ही अपना हिस्सा बताता आ रहा है. 

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