डिंपल यादव ने फोन पर ऐसा क्या कहा कि 6 साल का मनमुटाव भूल शिवपाल आ गए बहू के साथ ?
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डिंपल यादव ने फोन पर ऐसा क्या कहा कि 6 साल का मनमुटाव भूल शिवपाल आ गए बहू के साथ ?

सालों से नेतृत्व के सवाल को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के सद्र शिवपाल यादव के बीच चली आ रही दूरी एक पल में खत्म हो गई और शिवपाल बहू के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में प्रचार करने के लिए राजी हो गए.  

डिंपल यादव और शिवपाल यादव

मैनपुरीः सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपीएल) बनाने वाले पार्टी के सद्र और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि ‘बहू’ डिंपल यादव के फोन कॉल ने उन्हें मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में प्रचार करने के  लिए प्रेरित किया. शिवपाल ने यह भी कहा कि उन्होंने डिंपल यादव से कह दिया है कि अगर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने फिर से उनके साथ कुछ गलत किया तो वह इसकी शिकायत हमसे करें. 
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव की मौत की वजह से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव को लेकर अखिलेश और शिवपाल यादव एक बार‍ फिर एक साथ नजर आ रहे हैं. शिवपाल यादव जगह-जगह घूमकर बहू डिंपल यादव के लिए चुनाव प्रचार करते हुए दिखाई दे रहे हैं. सपा ने इस सीट पर अखिलेश यादव की पत्नी और मुलायम की पुत्रवधू डिंपल यादव को मैदान में उतारा है. 

डिंपल यादव की जीत पक्की करेंगे शिवपाल 
भतीजे अखिलेश यादव के साथ बिगड़ते रिश्तों के बीच शिवपाल यादव ने मैनपुरी उपचुनाव में डिंपल यादव की जीत पक्की करने के लिए एक बार फिर सपा प्रमुख अखिलेश यादव से हाथ मिलाने को तैयार हो गए हैं. इस सीट का प्रतिनिधित्व दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव करते रहे हैं. वोटर्स को सपा उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए तैयार होने के बारे में बताते हुए शिवपाल ने कहा कि यह डिंपल का एक फोन कॉल था जिसने चाचा और भतीजे के बीच के रिश्तों की तल्खी को खत्म कर दिया.

बहू ने टेलीफोन कर कहा, चाचा हम लड़ेंगे
शिवपाल ने मैनपुरी में पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत में कहा, ’’जब बहू लड़ रही है, तो हम एक हो गए हैं. हम तो पहले से कह रहे थे एक हो जाओ. हमने अखिलेश से भी कह दिया है कि अब एक ही रहेंगे.’’ उन्होंने कहा, ’’बहू ने टेलीफोन किया कि चाचा हम लड़ेंगे, आ जाओ, तो हमने कहा कि तुम गवाह रहना हमारी. अगर अखिलेश गड़बड़ करें तो हमारे साथ ही रहना. अब हम साथ ही रहेंगे.’’ शिवपाल ने साफ तोर पर संकेत दिया है कि पार्टी परिवार की युवा पीढ़ी को अब सियासत में आगे बढ़ाएगी. शिवपाल ने कहा, ’’अब हम लोगों के पास वक्त कितना है, एक-दो चुनाव और लड़ेंगे, फिर लड़के ही लड़ेंगे. इसलिए नेता जी (मुलायम सिंह) के न रहने के बाद अब हमारी भी इज्जत का सवाल है. इसलिए हमारी आप सब लोगों से हाथ जोड़कर गुजारिश है कि सब लोग आज के बाद चुनाव प्रचार में लग जाएं.’’ कार्यकर्ताओं के साथ इस बातचीत का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 

शिवपाल छह बार के विधायक रहे हैं मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से 
गौरतलब है कि जसवंतनगर विधानसभा सीट मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जहां से शिवपाल छह बार के विधायक रहे हैं. ऐसे में शिवपाल यादव की हिमायत उपचुनाव जीतने के लिहाज से समाजवादी पार्टी के लिए काफी खास हो जाता है. परिवार में दरार का फायदा उठाने के लिए सत्तारूढ़ दल भाजपा द्वारा रघुराज शाक्य को मैदान में उतारा गया. शाक्य शिवपाल के पूर्व वफादार भी रह चुके हैं. छह साल पहले सपा से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले शिवपाल का चौथी बार अखिलेश के साथ आना काफी मायने रखता है. 

इस वजह से चाचा और भतीजे के बीच हुई थी बदगुमानी 
शिवपाल और अखिलेख के बीच साल 2016 से खटास पैदा हो गया था. शिवपाल ने साल 2018 में अपनी खुद की पार्टी पीएसपीएल बनाई थी और साल 2019 का लोकसभा चुनाव फिरोजाबाद से सपा के खिलाफ लड़ा था. इस साल के विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने शिवपाल के साथ गठबंधन तो किया, लेकिन उन्हें सिर्फ एक सीट जसवंतनगर दी, जहां से शिवपाल यादव ने सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पर चुनाव लड़ा था. हालांकि, नतीजों के बाद दोनों के रिश्तों में एक बार फिर खटास पैदा हो गया था. शिवपाल राष्ट्रपति चुनाव में खासतौर पर सत्तारूढ़ भाजपा का साथ देते नजर आए थे. शिवपाल ने जहां सपा में अपनी उपेक्षा को रिश्ता खराब होने की वजह बताया था, वहीं अखिलेश यादव कई मौकों पर इसके लिए चाचा की भाजपा से बढ़ती नजदीकी को कारण बता चुके हैं. अब मैनपुरी सीट पर उपचुनाव के लिए पांच दिसंबर को मतदान होना है और मतगणना आठ दिसंबर को होगी, इसके बाद ही पता चलेगा की चचा और भतीजे के बीच की कड़वाहट कितनी कम हुई है. 

Zee Salaam

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