Wedding Card of 1933: सोशल मीडिया पर एक उर्दू में लिखा खत काफी वायरल हो रहा है. ये खत 89 साल पुराना है जो 23 अप्रैल 1933 में हुई शादी के लिए लिखा गया है. जानिए क्या लिखा है कार्ड में.
Trending Photos
Wedding Card of 1933: जैसे-जैसे प्रिंट टेक्नॉलॉजी एडवांस हुई है वैसे-वैसे अब शादी के कार्ड भी अलग-अलग स्टाइल के होने लगे हैं. आज शादियों के कार्ड्स में विभिन्न डिजाइन के साथ अलग-अलग कलर भी देखने को मिल जाते हैं. लेकिन एक दौर था जब प्रिंट इतना एडवांस नहीं था. काफी सादगी और एक रंग के साथ शादी के कार्ड्स डिजाइन किए जाते थे. इंटरनेट पर एक ऐसा ही शादी का कार्ड काफी वायरल हो रहा है. ये पूरी तरह से उर्दू में सफेद कागज पर लिखा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये शादी 89 साल पहले 1933 में हुई थी.
इस शादी के कार्ड को सोनल बतला नाम की एक यूजर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है. उन्होंने लिखा है ये 1933 में हुई मेरे दादा दादी की शादी का इन्विटेशन कार्ड है. तस्वीर में आप देख सकते हैं कि ब्राउन पेड पर उर्दू में लिखा हुआ है. इसमें एक शख्स 23 अप्रैल 1933 में अपने बेटे की शादी के लिए न्यौते का खत लिख रहा है.
My grandparents’ wedding invitation circa #1933 #Delhi pic.twitter.com/WRcHQQULUX
— Sonya Battla (@SonyaBattla2) December 30, 2022
खत की शुरूआत मोहम्मद (स.व) नाम से की गई है. उससे पहले उर्दू में 786 लिखा हुआ है. अपने बात शुरू करने से पहले शख्स सलाम करता है. शख्स लिखता है कि मेरे बेटे मोहम्मद युसूफ का निकाह 23 अप्रैल 1933 इतवार के दिन तय हुआ है. दुल्हन का घर किशनगंज में है. कासिम जान में आपको न्यौता देता हूं. सुबह दस बजे खाने का हिस्सा बने. बारात सुबह 11:30 बजे निकलेगी. आप घर पर वक्त पर आ जाएं.
"खुदावंद करीम का शुक्र है कि उसने अपने फजल ओ करम से ये खुशी का मौका फरहान किया है कि बरखुरदार हाफिज मोहम्मद सईद की शादी खाना आबादी करार पाई है. लिहाजा ब तारीख 1351 जिलहिज्जा, यानी 23 अप्रैल 1933, बारोज़ इतवार बू वक्त 10 बजे सुबह गरीब खाना कासिम जान, एंडरून अहता काले साहब पर तशरीफ लाएं."
इस कार्ड को काफी लोग शेयर कर रहे हैं. कुछ लोग हैरान भी हैं कि उस दौर में किस तरह न्यौते दिए जाते थे. एक यूजर कमेंट करता है कि कितना प्यारा लिखा है. इस तस्वीर को अब तक 4 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं औक 6 हजार से ज्यादा लाइक्स आ चुके हैं. इसपर यूजर अलग-अलग कमेंट कर रहे हैं. एक यूजर लिखता है कि कासिमजान वही जगह है जहां मिर्जा गालिब रहा करते थे.