जम्मू की उपायुक्त के फैसले से सियासी गलियारें में घमासान, वोटिंग का है मामला
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जम्मू की उपायुक्त के फैसले से सियासी गलियारें में घमासान, वोटिंग का है मामला

Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर की उपायुक्त ने ऐलान किया है कि कोई भी शख्स जम्मू कश्मीर के लिए वोटिंग कर सकता है. इस पर जम्मू कश्मीर के सियासी दलों ने अपना विरोध जताया है.

जम्मू की उपायुक्त के फैसले से सियासी गलियारें में घमासान, वोटिंग का है मामला

Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर में चुनाव से पहले कई बदलाव हो रहे हैं. इसी कड़ी में जम्मू की उपायुक्त अवनी लवासा के हालिया फैसले से यहां सियासी रस्साकशी जारी हो गई है. मंगलवार को अवनी लवासा ने ऐलान किया कि जम्मू में जो भी शख्स पिछले एक साल से रह रहा है उसे नए वोटर के तौर पर रजिस्टर किया जाएगा. इस ऐलान से साफ है कि अगर कोई बाहर का शख्स जम्मू में पिछले एक साल से रह रहा है वह जम्मू कश्मीर में वोट डाल सकता है.

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जम्मू की उपायुक्त के इस फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी ने विरोध किया है. पार्टी के मुताबिक "सरकार 25 लाख गैर स्थानीय लोगों को वोटर लिस्ट का हिस्सा बनाने वाली है. हम इस फैसले का विरोध करते हैं. BJP चुनावों से डर रही है, उसे पता है कि वो बुरी तरह हारने वाली है. जनता को BJP की इस साजिश को बैलेट बॉक्स के जरिए हरा देना चाहिए."

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जम्मू कश्मीर के एक और सियासी दल 'जम्मू एण्ड कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में पिछले दरवाजे से बदलाव करने की कोशिश की जा रही है. PDP की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि, ‘‘ जम्मू-कश्मीर के लोगों को यह समझने की जरूरत है कि हमारा भविष्य, तकदीर और मकसद एक है. जिस तरह से करगिल व लेह, लद्दाख के लोगों ने भाजपा की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति को विफल कर दिया और अपनी जमीन व रोजगार बचाने के लिए एकजुट हुए, उसी तरह जम्मू-कश्मीर के लोगों को भाजपा के नापाक इरादों को नाकाम करने के लिए एकजुट होना होगा... क्योंकि बाहर के लोगों को इससे केवल यहां घर ही नहीं मिलेंगे बल्कि उन्हें मताधिकार भी मिलेगा जिसका मतलब जम्मू-कश्मीर के लोगों के वोट का महत्व कम होगा.’’ 

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ऐलान के मुताबिक कोई भी शख्स कुछ जरूरी दस्तावेजों को जमा कर अपना वोटर आईडी कार्ड बना सकता है. इसमें एक साल के लिए पानी/बिजली/गैस कनेक्शन, आधार कार्ड, राष्ट्रीयकृत / अनुसूचित बैंक / डाकघर की वर्तमान पासबुक और भारतीय पासपोर्ट शामलि है. इसके अलावा राजस्व विभाग का किसान बहीखाता सहित भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड, पंजीकृत किराया/लीज डीड (किरायेदार के मामले में) और खुद के घर के मामले में रजिस्टर्ड सेल डीड का भी इस्तेमाल वोटर आईडी कार्ड बनाने के लिए किया जा सकता है. 

ख्याल रहे कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर के दौरे पर आए थे. उन्होंने संकेत दिए हैं कि घाटी में जल्द ही चुनाव कराएं जाएंगे. 

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