विशेष सांसद/विधायक अदालत ने 2019 में हत्या के प्रयास के एक मामले में सबूतों के अभाव में समाजवादी पार्टी के विधायक को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में कामयाब नहीं हुआ.
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मुजफ्फरनगरः समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन को बड़ी राहत देते हुए विशेष सांसद/विधायक अदालत ने 2019 में हत्या के प्रयास के एक मामले में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया है.
हसन के वकील राशिद अली चौहान ने शनिवार को बताया कि विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार ने शुक्रवार को हसन और हैदर अली को इस आधार पर बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ मामला साबित करने में नाकाम रहा. चौहान ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना की अदालत में गुहार लगाई थी कि आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं, इसलिए उन्हें आरोपों से बरी कर दिया जाए.
अतिरिक्त सरकारी वकील सतेंद्र धीरयान के मुताबिक, पुलिस ने हसन और अन्य के खिलाफ नवंबर 2019 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323,353,332,307 और 120बी के तहत हत्या के कथित प्रयास और शामली के झिंझाना थाना इलाके में सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया था. यूपी पावर कॉरपोरेशन के एक उप-विभागीय अधिकारी (एसडीओ) नाज़िम अली द्वारा शिकायत दर्ज की गई थी, जिन्होंने इल्जाम लगाया था कि हसन और अन्य लोगों ने उनके वाहन को रोका और उनके विभाग के एक कर्मचारी की पिटाई की. ये हमला उस वक्त हुआ था, जब वह शामली के झिंझाना में एक बिजली सबस्टेशन जा रहे थे. धीरियन ने बताया कि सपा नेता पर आरोपा था कि हसन ने सरकारी अफसर से कुछ लोगों के खिलाफ बिजली चोरी के मामलों को वापस लेने के लिए दबाव डाल रहे थे.
हसन ने पिछले साल विधानसभा का चुनाव जेल से लड़ा था और जीत हासिल की थी. 30 नवंबर को गैंगस्टर एक्ट मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा सशर्त जमानत दिए जाने के बाद उन्हें बाद में जेल से रिहा कर दिया गया था.
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