कर्नाटक सरकार ने इस घी को इस्तेमाल की दी हिदायत; प्रसाद में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल जुड़ा है मामला
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2440005

कर्नाटक सरकार ने इस घी को इस्तेमाल की दी हिदायत; प्रसाद में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल जुड़ा है मामला

Trupati Temple Controversy: प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिला हुआ घी इस्तेमाल करने के आरोपों के बीच सरकार ने कहा कि 'नंदिनी' घी का इस्तेमाल करें. सरकार ने इसे प्रसाद के साथ सभी कामों में इस्तेमाल की इजाजत दी है.

कर्नाटक सरकार ने इस घी को इस्तेमाल की दी हिदायत; प्रसाद में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल जुड़ा है मामला

Trupati Temple Controversy: कर्नाटक के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने के विवाद के बीच कर्नाटक सरकार ने कहा है कि राज्य में मौजूद 34000 मंदिर में 'नंदिनी' घी का इस्तेमाल किया जाए. कर्नाटक सरकार ने ये निर्देश उन सभी मंदिरों को दिया है, जो उसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं. नंदिनी घी कर्नाटक मिल्क फेडेरेशन (KMF) की तरफ से बनाया जाता है. 

सर्कुलर में क्या है?
सरकार की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि प्रसाद की क्वालिटी से समझौता नहीं किया जा सकता है. कर्नाटक सरकार ने कहा है कि मंदिर के सभी काम जैसे लैंप जलाना और प्रसाद बनाना, सभी में नंदिनी घी का ही इस्तेमाल होना चाहिए. सरकार का ये आदेश ऐसे वक्त आया है जब कर्नाटक के मशहूर वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बनाए गए लड्डू में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल की बात सामने आई. ये विवाद तब सामने आया, जब इस हफ्ते की शुरूआत में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नाइडू मंदिर में इस्तेमाल होने वाले घी पर सवाल उठाया, उन्होंने दावा किया कि नमूनों में जानवरों की चर्बी पाई गई है.

यह भी पढ़ें: Tirupati laddus: बीफ चर्बी से बनाए जाते थे त्रुपति मंदिर में प्रसाद के लड्डू; दिखाई लैब रिपोर्ट

क्या है पूरा मसला?
बुधवार को चंद्रबाबू नायडू ने यह दावा किया था कि त्रुपति में प्रसाद के तौर पर इस्तेमाल होने वाले लड्डुओं में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था. वहीं एसआरसीपी ने कहा था कि चंद्रबाबू नायडू जघन्य आरोप इसलिए लगा रहे हैं, ताकि उन्हें राजनीति फायदा पहुंच सके. याईएसआरसीपी के इस बयान के कुछ घंटों बाद ही टीडीपी ने लैब  रिपोर्ट पेश की है जिसमें दावा किया जा रहा है कि जरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला ने मिलावट की पुष्टि की है. रिपोर्ट के मुताबिक सैंपल के लिए दिए गए घी के नमूने में "बीफ़ टैलो" यानी गाय की चर्बी की मौजूदगी की तस्दीक हुई है.

3 लाख लड्डू बनते हैं
आपको बता दें कि तिरुपति मंदिर की रसोई में रोजाना करीब 3 लाख लड्डू बनाए जाते हैं. लड्डू को बनाने के लिए भारी मात्रा में 1,400 किलो घी के अलावा काजू, किशमिश, इलायची, बेसन और चीनी की जरूरत होती है. बताया जाता है कि लड्डू में इस्तेमाल होने वाला घी तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले से मंगाया गया था. 

Trending news