UP Politics: ज़र्रा- ज़र्रा बिखर कर फिर संभल रहे हैं आज़म खान; सियासी तौर पर फिर हुए सरगर्म
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UP Politics: ज़र्रा- ज़र्रा बिखर कर फिर संभल रहे हैं आज़म खान; सियासी तौर पर फिर हुए सरगर्म

UP Politics: समाजवादी पार्टी नेता आजम खान फिर से राजनीति रूप से सक्रिय हो गए हैं. अखिलेश यादव से आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर दो घंटे मीटिंग की. सपा नेता के सक्रियता से कार्यकर्ताओं में उत्साह और खुशी का माहौल है. 

UP Politics:  ज़र्रा- ज़र्रा बिखर कर फिर संभल रहे हैं आज़म खान; सियासी तौर पर फिर हुए सरगर्म

UP Politics: समाजवादी पार्टी नेता व पूर्व मंत्री आजम खान ( Azam Khan ) जेल में रहने और खराब स्वास्थ्य के बाद अब काम पर वापस लौट रहे हैं. आजम खान अपने पुराने रंग में नज़र आने लगे हैं,और अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धताएं पूरी कर रहे हैं. खान को राजनीति में फिर से सक्रिय देखकर उनके समर्थकों को काफी उत्साह है.

आजम खान उन पहले राजनीतिक नेताओं में से थे,जो भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर से मिलने गए थे. आपको बता दें कि चंद्र शेखर पर हाल ही में सहारनपुर में हमला हुआ था. पूर्व विधायक आजम खान और बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के आम की दावत खाने मलिहाबाद गए थे.

जानकारी के अनुसार सपा नेता के मलिहाबाद रवाना होने से पहले, आजम ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय में अखिलेश के साथ दो घंटे से अधिक समय बिताया था, और राजनीतिक मुद्दों, विशेष रूप से विपक्षी गठबंधन और लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की थी.

2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी 
आजम नियमित रूप से रामपुर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं और 2024 के चुनावों के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं. वह फरवरी 2020 से पार्टी की राजनीति से दूर थे, जब उन्हें पत्नी और बेटे के साथ उनके बेटे द्वारा दायर जाली जन्म प्रमाण पत्र के लिए जेल भेज दिया गया था. इसके बाद से आजम खान को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा और फिर एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें राज्य विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

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आजम की सक्रियता, मुसलमानों को संदेश 
जैसा कि पहले दावा किया जा रहा था सपा नेता आजम खान को पार्टी ने छोड़ दिया है लेकिन आजम की "सक्रिय भागीदारी" में वापसी को मुसलमानों को साकारात्मक संदेश देने की सपा की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है कि पार्टी ने खान को नहीं छोड़ा है. खान की सक्रियता पार्टी के पीडीए फॉर्मूले यानी "पिछड़े, दलित, अल्पसंख्याक" गठजोड़ को पूरा करता है.

आजम से दूरी, सपा को चुकाना पड़ा खामियाजा
गौरतल है कि आजम खान के जेल जाने के बाद पार्टी ने उससे दूरी बना लिया था. सपा नेता के बेटे और पत्नी को भी जेल जाना पड़ा था. अखिलेश यादव और सपा के बड़े नेताओं का आजम खान से दूरी बनाना उत्तर प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी  सपा से दूर जाना, जिसका खामियाजा सपा को उपचुनाव में भुगतना पड़ा, हालांकि आजम खान के जेल से बाहर आने के बाद ऐसा लग रहा था कि वो राजनीति रूप से सक्रिय नहीं होंगे. लेकिन अखिलेश के साथ दो घंटे की मुलाकात ने उत्तर प्रदेश सहित देश के राजनीति गलियारों में हलचल मचा दिया है.    

पार्टी में आजम खान का महत्व अपरिवर्तित- सपा नेता
सपा प्रमुख खिलेश यादव ( Akhilesh yadav ) के करीबी एक नेता ने मीडिया से कहा कि "वह हमेशा समाजवादी परिवार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं और परिस्थितियों के कारण उन्हें दूर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. पार्टी में उनका महत्व अपरिवर्तित है"

 

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