Muslim Population, EAC-PM Report: देश में अलग-अलग मजहबों की आबादी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई है. जिसमें यह पुष्टि हुई है कि साल 1950 और 2015 के बीच देश में बहुसंख्यक यानी हिंदू आबादी में गिरावट हुई है, जबकि मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी हुई है.
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Muslim Population: इकॉनोमिक एडवाइजरी काउंसिल टू दी प्राइम मिनिस्टर ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में हिंदुओं की जनसंख्या में गिरावट हुई है, जबकि मुसलमानों की आबादी में बढ़ोतरी हुई है.
EAC-PM रिपोर्ट के सामने आने के बाद काफी देश में काफी विवाद हो रहा है. देश की अलग-अलग पार्टियां इस रिपोर्ट अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. कई पार्टियों ने इसे सियासी शिगूफा बताया है. अब इस रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी की प्रतिक्रिया सामने आई है.
यह मसला हिंदू-मुसलमान का है ही नहीं; अल्वी
राशिद अल्वी ने कहा कि सारा डाटा इंटरनेट पर मौजूद है, ये कोई नया सर्वे नहीं है. जब चुनाव हो रहा है तो उसको जानबूझकर हिंदू-मुस्लिम करने के लिए ये डाटा पब्लिक किया गया है. सच्चाई ये है कि साल 1992 में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर एक औरत एवरेज 4.4 बच्चे पैदा करती थी. जो 2015 में घटकर 2.6 हो गया.
उन्होंने कहा कि हिंदू औरत साल 1992 में औसत 3.3 बच्चे पैदा करती थीं, जो 2015 में घटकर 2.1 हो गई. यानी 0.5 फीसदी का फर्क है. यह मसला हिंदू-मुसलमान का है ही नहीं. पूरे मुल्क में एक सर्वे करा लीजिए, गरीब लोगों के ज्यादा बच्चे होते हैं. जो पढ़-लिख जाते हैं, उनके बच्चों की तादाद कम हो जाती है. इसलिए यह हिंदू-मुस्लिम की पेरशानी नहीं है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को अगर जनसंख्या वृद्धि की इतनी ही चिंता थी तो 10 साल से वह सत्ता में हैं, उन्होंने इसको लेकर कोई कानून क्यों नहीं बनाया, क्योंकि, हर चुनाव में उन्हें इसे मुद्दा बनाना है.
EAC-PM Report में क्या है दावा?
बता दें कि इकॉनोमिक एडवाइजरी काउंसिल टू दी प्राइम मिनिस्टर की तरफ से जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि साल 1950 से 2015 के बीच भारत में हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसदी कम हुई है. वहीं, मुसलमानों की आबादी में 43.15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि पड़ोसी देश नेपाल, जो कि हिंदू बहुल है वहां पर भी हिंदुओं की जनसंख्या में कमी हुई है.