UP News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक मरीज को जूस चढ़ाने की घटना सामने आई है. बताया जाता है कि मरीज को डेंगू हुआ था. उसे प्लाज्मा चढ़ाने की जरूरत थी लेकिन उसे मोसम्बी का जूस चढ़ा दिया गया.
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UP News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से लापरवाही की एक बड़ी घटना सामने आ रही है. यहां के एक अस्पताल में डेंगू के एक मरीज को प्लेटलेट्स की जगह कथित रूप से मौसम्बी का जूस चढ़ा दिया गया. इससे मरीज की मौत हो गई. जिसके बाद अस्पताल को बृहस्पतिवार को सील कर दिया गया.
सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो प्रसारित होने के बाद प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के ट्वीट और उनके आदेश पर जिला प्रशासन हरकत में आया और उस अस्पताल को सील कर दिया गया, जहां मरीज को कथित तौर पर मौसम्बी का जूस चढ़ाया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि मरीज प्रदीप पांडेय की हालत बिगड़ने के बाद उसे शहर के दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. बहरहाल, इस घटना के संबंध में स्थानीय पुलिस थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. निजी अस्पताल के मालिक ने दावा किया कि प्लेटलेट्स किसी अन्य चिकित्सा केंद्र से लाए गए थे और तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाए जाने के बाद मरीज को दिक्कत होने लगी थी.
उपमुख्यमंत्री पाठक ने ट्वीट किया, ‘‘जनपद प्रयागराज में झलवा स्थित ग्लोबल अस्पताल द्वारा डेंगू के मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मौसम्बी का जूस चढ़ा देने के वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा दिए आदेशों के क्रम में अस्पताल को तत्काल सील कर दिया गया है और प्लेट्लेट्स पैकेट को जांच के लिए भेजा गया है.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘यदि अस्पताल प्रबंधन दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’’ सूत्रों के अनुसार, मरीज की मौत ‘‘गलत प्लेट्लेट्स’’ चढ़ाए जाने के कारण हुई और इन प्लेट्लेट्स के नमूनों की जांच की जाएगी. धूमनगंज थाना क्षेत्र के तहत आने वाले अस्पताल को सील करने का कारण पूछे जाने पर एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के निर्देश पर अस्पताल को सील किया गया है और नमूने की जांच होने तक अस्पताल सील रहेगा. यह पूछे जाने पर कि नमूने की जांच कौन करेगा, उन्होंने कहा कि पुलिस इसकी जांच औषधि निरीक्षक से कराएगी.
वहीं, धूमनगंज स्थित अस्पताल के मालिक सौरभ मिश्रा ने बताया कि प्रदीप पांडेय डेंगू से पीड़ित था और वह उनके अस्पताल में भर्ती हुआ था. उन्होंने कहा कि मरीज का प्लेटलेट्स का स्तर गिरकर 17,000 पर आने के बाद उसके तीमारदारों को प्लेटलेट्स लाने को कहा गया. उन्होंने बताया कि मरीज के तीमारदार स्वरूप रानी नेहरु (एसआरएन) चिकित्सालय से पांच यूनिट प्लेटलेट्स लेकर आए, लेकिन तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद मरीज को दिक्कत हुई तो चिकित्सकों ने प्लेटलेट्स चढ़ाना बंद कर दिया.
उन्होंने कहा कि प्लेटलेट्स की जांच करने की कोई सुविधा उनके अस्पताल में नहीं है. मिश्रा ने कहा कि जो प्लेटलेट्स मरीज को नहीं चढ़ाए गए, उनकी जांच कराई जानी चाहिए कि ये प्लेटलेट्स कहां से लाए गए. उन्होंने कहा कि प्लेटलेट्स की बोतल पर एसआरएन का स्टिकर लगा हुआ है. जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने प्लेटलेट्स की जांच के बारे में पूछे जाने पर कहा, “प्लेटलेट्स की जांच भी हो जाएगी. हम इस पूरे मामले की जांच कराएंगे.”
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