UAPA में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को काफी शक्तियां मिल जाती हैं, यहां तक कि NIA महानिदेशक चाहें तो मामले की जांच के दौरान वह उससे जुड़े शख्स की प्रॉपर्टी की कुर्की-जब्ती भी करवा सकते हैं.
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NCRB report on UAPA: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की हाल ही में जारी की गई सालाना रिपोर्ट के मुताबिक विवादास्पद अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) में पिछले सालों के मुकाबले इस साल 23 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने मिली है. सामाजिक आलोचक इस कानून के तहत दर्ज मामलों में बढ़ोत्तरी को देश में 'फ्रीडम ऑफ स्पीच एंड एक्सप्रेशन' की बदतर स्थिति के प्रमाण के रूप में देखते हैं. बता दें कि इस कानून के तहत किसी व्यक्ति को भी जांच के आधार पर आतंकवादी घोषित किया जा सकता है. UAPA में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को काफी शक्तियां मिल जाती हैं, यहां तक कि NIA महानिदेशक चाहें तो मामले की जांच के दौरान वह उससे जुड़े शख्स की प्रॉपर्टी की कुर्की-जब्ती भी करवा सकते हैं.
किन राज्यों से आए सबसे ज्यादा मामलें
मौजूदा डेटा के मुताबिक जहां 2021 में 814 UAPA के मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2022 में यह संख्या 1,005 तक पहुंच गई. जोकि, पिछले साल के मुकाबले में 23 फीसदी ज्यादा है. सबसे ज्यादा UAPA के मामले जम्मू और कश्मीर में दर्ज किए गए हैं. जम्मू और कश्मीर में UAPA के तहत दर्ज केस 2021 में 289 से बढ़कर 2022 में 371 हो गए हैं. इस लिस्ट में दूसरा नंबर मणिपुर का है, जहा 2021 में 157 UAPA के मामले दर्ज किए गए थे और पिछले साल 2022 में में ये संख्या बढ़ कर 167 हो गई है.
राज्य के खिलाफ अपराध में यूपी आगे
NCRB के डेटा के मुताबिक पूरे भारत में राज्य के खिलाफ अपराधों में बढ़त देखी गई है, राज्य के खिलाफ अपराधों में राजद्रोह, UAPA,सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम आदि शामिल हैं. पूरे भारत में 'राज्य के खिलाफ अपराध' के मामले 2022 में 5,610 दर्ज किए गए थे, जबकि 2021 में यह संख्या 5,164 थी. 2,231 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश इस लिस्ट में टॉप पर है, इसके बाद तमिलनाडु (634) और जम्मु-कश्मीर (417) हैं.