Plastic Ban Effect: सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसलिए पेय पदार्थ बेचने वाली कंपनियों को अपने प्रॉडक्ट बेचने में दिक्कत हो रही है.
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Plastic Ban Effect: सरकार की तरफ से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. प्लास्टिक बैन की वजह से पैक्ड जूस, सॉफ्ट ड्रिंक्स और डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां बुरी तरह प्रभावित होने वाली हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने के बाद पेय पदार्थ बेचने वाली कंपनियां स्ट्रॉ नहीं बेच पाएंगी. इसलिए अमूल, मदर डियरी और डाबर जैसी कंपनियों परेशान हैं. इस कंपनियों ने सरकार से अनुरोध किया था कि वह अपने फैसले को कुछ दिन के लिए टाल दे लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया.
एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन होने के साथ कई चीजें बैन होंगी. इसमें "ईयर-बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच" शामिल हैं. भारत सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को इसलिए बैन किया है ताकि कूड़ा करकट कम हो.
अमूल कंपनी ने सरकार को खत लिखा था जिसमें उसने स्ट्रा पर लगने वाले प्रतिबंध हटाने की मांग की थी. अमूल ने अपने पत्र में कहा था कि दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश के किसान और दूध की खपत पर नकारात्मक असर पड़ेगा. पेय पदार्थ बेचने वाली कंपनियां जैसे अमूल, पेप्सिको, कोका-कोला, मदर डेयरी और कई कंपनियां पेय पदार्थ के साथ ग्राहकों तक पहुंचाते हैं. इसलिए पेय पदार्थ बेचने वाली कंपनियां परेशान हैं.
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पेय पदार्थ बेचने वाली कंपनियां प्लास्टिक की स्ट्रा के विकल्प के तौर पर पेपर स्ट्रा मंगवा रही हैं. लेकिन इसकी लागत बहुत ज्यादा है. लेकिन अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए कंपनियां पेपर स्ट्रा का सहारा ले रही हैं.
सिंगल यूज प्लास्टिक को एक बार इत्तेमाल करके फेंक दिया जाता है. इससे कचरा ज्यादा होता है जिससे पर्यावरण प्रदूषण होता है. सिंगल यूज प्लास्टिक को रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता है. इसको या तो जला दिया जाता है या फिर जमीन में दफनाया जाता है.
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