इस बीच केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता नारायण राणे ने मंगलवार को कहा है कि अगले 24 घंटों में महाराष्ट्र में तस्वीर साफ हो जाएगी.
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सूरतः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा भेजे गए शिवसेना के दो नेताओं ने मंगलवार को सूरत के एक होटल में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों से मुलाकात की. महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी सरकार के संकट को दूर करने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. करीब दो घंटे तक चली बैठक के बाद मीडिया के सवालों का जवाब दिए बिना नार्वेकर और फाटक सड़क मार्ग से मुंबई रवाना हो गए.
महाराष्ट्र में विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव के नतीजे आने के कुछ घंटे बाद शिंदे और उनके समर्थक विधायक सोमवार देर रात सूरत के होटल में डेरा डाले हुए हैं. विधान परिषद की 10 सीटों के लिए हुए चुनाव में, भाजपा ने उन सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की जिन पर उसने उम्मीदवार उतारे थे.
Mumbai | Two of our people went there (Surat). Talks happened with Eknath Shinde. He is our old friend...Everyone knows why we left BJP and Eknath Shinde is also a witness to that: Shiv Sena MP Sanjay Raut on the political situation in Maharashtra pic.twitter.com/GOaDT7frrZ
— ANI (@ANI) June 21, 2022
उद्धव के प्रति समर्थन जताने को पार्टी मुख्यालय पर जुटे शिवसैनिक
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और कई विधायकों के साथ संपर्क नहीं हो पाने के घटनाक्रम के बीच मुंबई पुलिस ने मंगलवार को दादर इलाके में स्थित पार्टी मुख्यालय पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की है. मंगलवार सुबह शिंदे के बगावती तेवर अपनाने की खबर सामने आने के बाद पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के प्रति समर्थन जताने के लिए सैकड़ों कार्यकर्ता शिवसेना भवन के बाहर एकत्रित होने लगे.
ठाकरे को इस्तीफा देना चाहिएः राणे
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता नारायण राणे ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की मांग करते हुए दावा किया कि उन्हें विधानसभा में पर्याप्त विधायकों का समर्थन नहीं है. राणे ने कहा कि अगले 24 घंटों में महाराष्ट्र में तस्वीर साफ हो जाएगी. उन्होंने दावा किया कि ठाकरे द्वारा मंगलवार को मुंबई में उनके आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में बुलाई गई बैठक में शिवसेना के केवल 11 विधायक मौजूद थे.
विधान परिषद के चुनाव में पार्टियों को मिले मत
विधान परिषद के चुनाव में सोमवार को भाजपा को 134 मत हासिल हुए थे, इसका मतलब है कि (288 सदस्यीय विधानसभा में) सरकार बनाने का दावा करने के भाजपा के पास 11 मत कम हैं. प्रदेश विधान परिषद की 10 सीट पर सोमवार को हुए चुनाव में भाजपा को पांच सीट जबकि शिवसेना और राकांपा को दो-दो तथा कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी.
Mumbai | I'm in touch with our leaders...Our Congress MLAs are intact, no reason to worry. Today we're going to have a meeting...BJP playing 'Operation Kamal' in all those states wherever there's Opposition: Maharashtra Cong-incharge HK Patil on brewing political crisis in state pic.twitter.com/Pn6dU0suMz
— ANI (@ANI) June 21, 2022
छोटी पार्टियों के 29 विधायकों और निर्दलियों की भूमिका अहम
महाराष्ट्र की महा विकास अघाडी सरकार की स्थिरता से जुडे़ संकट के बीच छोटी पार्टियों के 29 विधायकों और निर्दलीय विधायकों की भूमिका अहम हो गई है. शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में एक पद खाली है. किसी भी पार्टी या गठबंधन को साधारण बहुमत के साथ सत्ता में रहने के लिए फलहाल 144 विधायकों की जरूरत होगी.
गठबंधन की सरकार में किसकी कितनी सीटें
महा विकास अघाडी गठबंधन की सरकार में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस शामिल हैं. गठबंधन सरकार ने 30 नवंबर, 2019 को विधानसभा के पटल पर विश्वास मत हासिल किया था, जिसमें 169 विधायकों ने गठबंधन के पक्ष में मतदान किया था. शिवसेना के पास फिलहाल 55 विधायक हैं, राकांपा के 53 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. भाजपा ने साल 2019 में 105 सीट जीती थीं, लेकिन उपचुनाव में राकांपा से पंढरपुर विधानसभा सीट छीनने के बाद भाजपा विधायकों की संख्या बढ़कर 106 हो गई.
13 निर्दलीय विधायकों का क्या है झुकाव
सदन में 13 निर्दलीय हैं, जिनमें से एक राजेंद्र पाटिल येद्रवकर शिवसेना कोटे से एमवीए सरकार में मंत्री हैं. इसी तरह नेवासा से क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष के विधायक शंकरराव गडख और प्रहार जनशक्ति पार्टी के बच्चू कडू भी शिवसेना कोटे से मंत्री हैं. प्रहार जनशक्ति पार्टी के सदन में दो विधायक हैं. तेरह निर्दलीय उम्मीदवारों में से छह भाजपा के समर्थक हैं, पांच ने शिवसेना की हिमायत की है, जबकि कांग्रेस और राकांपा को एक-एक निर्दलीय का हिमायत हासिल है. इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र की छह सीट के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में दो-दो विधायक वाली एआईएमआईएम और समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस का समर्थन किया था, जबकि बहुजन विकास अघाडी (बीवीए) के तीन विधायकों ने भाजपा की हिमायत की थी.
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